पटना। बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल दो दलों में जारी सियासी घमासान के बीच मंगलवार की शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव की बंद कमरे में करीब 30 मिनट तक बातचीत हुई।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में अनुसार मंगलवार की शाम बिहार मंत्रिमंडल की बैठक हुई, जिसमें कुल 17 एजेंडों को स्वीकृति दी गई। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में तेजस्वी सहित राजद कोटे के सभी मंत्रियों ने भाग लिया।
राजद के एक नेता ने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक के बाद तेजस्वी नीतीश के कक्ष में गए, जहां दोनों के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई। दोनों नेताओं के बीच क्या बातचीत हुई, इसकी जानकारी अभी मीडियो को नहीं दी गई है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी बनाए जाने के बाद तेजस्वी और नीतीश के बीच यह पहली मुलाकात है।
उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले एक सरकारी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री की उपस्थिति के बाद तेजस्वी उस कार्यक्रम में नहीं आए थे। इसके बाद उनकी नेमप्लेट हटा दी गई थी।
गौरतलब है कि सीबीआई ने लालू प्रसाद और बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं उनके बेटे तेजस्वी यादव सहित उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है। सीबीआई ने सात जुलाई को पटना सहित देशभर के 12 स्थानों पर छापेमारी की थी।
यह मामला वर्ष 2004 का है, जब लालू प्रसाद देश के रेलमंत्री थे और तेजस्वी की उम्र 14 साल थी। आरोप है कि उन्होंने रेलवे के दो होटल को एक निजी कंपनी को लीज पर दिलाया और उसके एवज में उन्हें पटना में तीन एकड़ जमीन दी गई।
भ्रष्टाचार के मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद जद (यू), मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बेदाग छवि को लेकर तेजस्वी पर इस्तीफे के लिए दबाव बनाए हुए है। हालांकि राजद अध्यक्ष लालू ने स्पष्ट कर दिया है कि तेजस्वी के इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता। उनका कहना है कि अगर कोई एफआईआर पर इस्तीफा देने लगे तो बहुतों को इस्तीफा देना होगा।