पटना। बिहार के सीमांचल जिले सहित राज्य के 18 जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। राज्य सरकार राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर चलाने का दावा कर रही है, परंतु अभी भी कई ऐसे इलाके हैं जहां के लोगों को राहत पहुंचने का इंतजार है।
बिहार में बाढ़ से 1.21 करोड़ से ज्यादा की आबादी प्रभावित है, जबकि बाढ़ की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 202 तक पहुंच गई है। आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि राज्य के 18 जिलों के 164 प्रखंडों की 1.21 करोड़ से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। बाढ़ की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।
राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में पिछले 24 घंटे के दौरान बाढ़ से 49 लोगों की मौत हुई है, जिस कारण इस वर्ष बाढ़ से मरने वालों की संख्या शनिवार तक 202 तक पहुंच गई है।
अररिया में सबसे ज्यादा 42 लोगों की मौत हुई है, जबकि किशनगंज में 11, पूर्णिया में नौ, कटिहार में सात, पूर्वी चंपारण में 11, पश्चिमी चंपारण में 29, दरभंगा में 10, मधुबनी में 12, सीतामढ़ी में 31, शिवहर में चार, सुपौल में 13, मधेपुरा में नौ, गोपालगंज व सहरसा में चार-चार, मुजफ्फरपुर में एक, खगड़िया में तीन तथा सारण में दो व्यक्ति की मौत हुई है।
अधिकारियों का कहना है कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में पानी से घिरे 6.25 लाख से ज्यादा लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इसके अलावा इन क्षेत्रों में 1,336 राहत शिविर खोले गए हैं, जिसमें करीब 4.22 लाख से ज्यादा लोग शरण लिए हुए हैं। 1,879 सामुदायिक रसोई खोली गई है, जिसमें लोगों को लंगर की तरह खाना खिलाया जा रहा है।
आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि प्रभावित जिलों में लगातार सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीम लगी हुई है। इन 18 जिलों में एनडीआरएफ की 28 टीम के 1,152 जवान अपनी 118 नौकाओं और एसडीआरएफ की 16 टीम के 446 जवान अपनी 92 नौकाओं तथा सेना के 630 जवान एवं 70 नौकाओं के साथ राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई हैं।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ चिकित्सकों का चलंत दस्ता भी प्रभावित इलाकों में लगा हुआ है। इसके अलावे कई सरकारी और निजी नावों को भी राहत और बचाव कार्य में लगाया गया है।
वैसे राहत की बात है कि पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य के सीमांचल क्षेत्रों में कहीं भी बारिश नहीं हुई है। इस बीच सीमांचल के क्षेत्रों में बाढ़ प्रभावित इलाकों से पानी घटने की सूचना है।
आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने दावा किया कि सभी प्रभावित क्षेत्र में आवश्यक दवाएं, ब्लीचिंग पाउडर एवं सर्पदंश से संबंधित दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करा दी गई हैं।