पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में बिहार में पूर्ण शराबबंदी के फैसले पर मुहर लगा दी गई और शराब बंदी का फैसला तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कि आज से बिहार में देशी एवं विदेशी शराब के थोक एवं खुदरा व्यापार तथा उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया। इस संबंध में सूचना भी जारी कर दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी के पहले चरण में 1 अप्रेल 2016 से देशी और मसालेदार शराब पर प्रतिबंध लगाया गया। नई त्पाद नीति के द्वारा यह तय हुआ कि पूरे बिहार में चरणबद्ध ढंग से पूर्ण शराबबंदी लागू करेंगे।
पहले चरण में देशी एवं मसालेदार शराब, उसके बाद विदेशी शराब पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। पूर्ण शराबबंदी के लिए जन- जागरण अभियान चलाया गया। जबरदस्त वातावरण बना। महिलाओं एवं बच्चों ने जन- जागरण अभियान में सक्रिय भूमिका निभाई।
स्कूली बच्चों ने अपने अभिभावकों से शपथ पत्र ली कि हम शराब नहीं पिएंगे। एक करोड़ 17 लाख शपथ पत्र जमा हुए। 84 हजार नुक्कड़ नाटक हुए। सात लाख से ज्यादा शराबबंदी के पक्ष में नारे लिखे गए। लोगों में शराबबंदी को लेकर पूर्ण उत्साह एवं उमंग का वातावरण बना।
एक अप्रेल 2016 से देशी एवं मसालेदार शराबबंदी के पहले 12 लाख 58 हजार देसी शराब नष्ट की गई। नई उत्पाद नीति के तहत 4,933 लोगों को गिरफ्तार किया गया। विधेयक में कड़े प्रावधान लागू किए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्पूर्ण बिहार में लोगों ने शराबबंदी का भरपूर स्वागत किया। पूरे बिहार में स्वच्छ वातावरण बना। यह एक जन-आन्दोलन का रूप ले चुका है। सामाजिक परिवर्तन की बुनियाद रखी गई है।
पहले फेज में नगर निगम एवं नगर निकाय के शहरी क्षेत्रों में बिवरेज काॅरपोरेशन लिमिटेड के द्वारा विदेशी शराब की दुकानों को संचालित किया गया। कई जगहों पर लोगों ने विदेशी शराब की दुकान का जबरदस्त विरोध किया। कई जगहों पर दुकान खुलने ही नहीं दी गई।
आज यह निर्णय लिया गया कि तत्काल प्रभाव से विदेशी शराब पर भी पूर्ण प्रतिबंध लागू हो। अब किसी प्रकार का कोई अंतर शहर या देहात में नहीं होगा। देशी मसालेदार एवं विदेशी शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लागू किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ण शराबबंदी के बाद बड़े-बड़े होटलों, रेस्तरां, क्लबों एवं बार में तत्काल प्रभाव से शराब की बिक्री एवं शराब पीने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लग गया है। सेना के कैंटिन इससे मुक्त रहेगा।
आज से पूरे बिहार में देशी एवं विदेशी शराब की बिक्री नहीं होगी। उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की ओर से अब इसके लिए लाइसेंस निर्गत नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शराब पीने, बेचने और शराब का उपयोग करने पर पूर्ण पाबंदी लगा दी गई है।
उन्होंने महिलाओं को बधाई दी। लोगों ने शराबबंदी का स्वागत किया। बिहार शराबबंदी के लिए देश में उदाहरण बनेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में ताड़ी पर विभागीय अधिसूचना
187, 1 अप्रैल 1991 का जो निर्णय है, वही निर्णय आज भी है। यह प्रभावी ढंग से लागू होगा। ताड़ी के संबंध में सूचना निर्गत कर दी गई है। उन्होंने कहा कि पूर्व के नियम के तहत ताड़ी की बिक्री पर दुकानें हाट, बाजार के व्यस्त स्थल, शहरी क्षेत्रों में अस्पतालों, स्टेशन, बस पड़ाव, उच्च पथों, धार्मिक स्थानों और पेट्रोल पम्प के निकट पचास मीटर के दायरों में प्रभावी रूप से प्रतिबंधित रहेगा।
उन्होंने कहा कि अनूसूचित जाति/जनजाति के बस्ती में तथा सघन आबादी वाले इलाके में ताड़ी की बिक्री नहीं होगी। वर्ष 1991 से ही ताड़ी पर रोक लगी हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ताड़ी में कई ऐसे गुण हैं, जो लाभकारी हैं इसलिए सरकार कम्फेड की तर्ज पर ताड़ी के कारोबार से जुड़े लोगों को यूनियन और फेडरेशन बनाया जाएगा। इसकी एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाएगी।
उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य के विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमिटी बनाई जाएगी, जिसमें प्रधान सचिव उद्योग, प्रधान सचिव उत्पाद एवं मद्य निषेध, एमडी कम्फेड एवं अन्य विभाग के सचिव इसके सदस्य होंगे। उद्योग विभाग नोडल विभाग के रूप में काम करेगा।
उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा ताड़ का पेड़ तमिलनाडू में है। तमिलनाडू कृषि विश्वविद्यालय ने ताड़ के उत्पादों पर शोध किया है। तमिलनाडू के ताड़ उत्पाद के अनुसंधान की पूरी जानकारी ली जा रही है। उन्होंने कहा कि नीरा को संस्थागत रूप दिया जाएगा और इसके लिए प्रशिक्षण और वितरण की व्यवस्था की जाएगी। सरकार ताड़ उत्पाद के लिए वित्तीय एवं तकनीकी सहायता प्रदान करेगी।
उन्होंने कहा कि बिहार के आम अवाम एवं महिलाओं को बधाई देता हूं। यही तेवर बनाए रखें तो बिहार एक उदाहरण बनेगा। जो पैसा शराब में खर्च हो रहा था, वह लोगों के स्वास्थ्य, शिक्षा एवं पोषण में खर्च होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री को भी सहयोग देने के लिए पत्र लिखा गया है। मुख्य सचिव, डीजीपी एवं प्रधान सचिव उत्पाद एवं मद्य निषेध लगातार दूसरे राज्य के अपने-अपने काउंटर पार्ट के सम्पर्क में हैं। उन्होंने कहा कि शराब की बिक्री से होने वाली राजस्व को क्षति के रूप में नहीं बल्कि सामाजिक लाभ के रूप में देखते हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावे ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, निबंधन, उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री अब्दुल जलील मस्तान, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर, प्रधान सचिव गृह आमिर सुबहानी, प्रधान सचिव उत्पाद एवं मद्य निषेध केके पाठक, प्रधान सचिव उद्योग एस सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चन्द्रा, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा उपस्थित थे।