मधेपुरा। बिहार के मधेपुरा जिले में मौनी बाबा के रूप में चर्चित प्रमोद बाबा गत 28 फरवरी से भू-समाधि लिए हुए हैं। अरजपुर में 14 मार्च से शुरू होने वाले विराट विष्णु महायज्ञ की सफलता के लिए उन्होंने समाधि ली है।
कहा जा रहा है कि बाबा 13 मार्च को दोपहर ढाई बजे समाधि से बाहर आएंगे। हजारों भक्त बाबा के समाधि से जिंदा वापस निकलने का इंतजार कर रहे हैं। समाधि के लिए 14 फीट लंबाई, 14 फीट चौड़ाई और 4 फीट गहरा गडढ़ा खोदा गया था।
मिट्टी नहीं गिरे इसके लिए बांस की चचरी को डबल फोल्ड किया गया। उसे कपड़े से ढंक कर फिर मिट्टी डाली गई है। समाधि के दिन काफी भीड़ जुटी थी। अब भी प्रतिदिन हजारों लोग समाधि स्थल पर पहुंच रहे हैं।
पूर्णिया जिले के रूपौली के बलुआ टोला निवासी प्रमोद बाबा बचपन से साधु प्रवृति के थे। वह 12 साल से मौन धारण किए हुए हैं। इशारों में ही अपनी बात कहते हैं।
बाबा ने समाधि लेने से दो माह पहले अन्न-जल ग्रहण करना बंद कर दिया था। नाम मात्र का दूध वे कभी-कभार पीते थे। मात्र दो घंटे आराम करने वाले बाबा 22 घंटे खड़े-खड़े ही तपस्या करते थे।
प्रमोद बाबा के माता, पिता व अन्य सगे-संबंधी समाधि स्थल के पास जमे हैं। समाधि स्थल के पास रामायण पाठ, भजन-कीर्तन आदि भी अनवरत चल रहा है। प्रशासन के लिए बाबा की समाधि सिर दर्द बन गई है।
विदित हो कि मंगलवार को उदाकिशुनगंज के अनुमंडल पदाधिकारी मुकेश कुमार, एसडीपीओ रहमत अली व अन्य जब बाबा को समाधि से निकालने के लिए पहुंचे तो लोगों ने उन्हें रोक दिया। हजारों भक्तों की भीड़ के समाने प्रशासन बेबस नजर आया। सभी वापस लौट गए।