कोलकाता। बिहार टॉपर्स मामले के मुख्य आरोपी विकास कुमार (37) को पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले से गिरफ्तार कर लिया गया।
इस घटना में पहले ही गिरफ्तार हो चुके आरोपियों से पूछताछ के बाद सीआईडी औ़र बिहार पुलिस को विकास के दक्षिण 24 के झझिरिया बाजार में छिपे होने की जानकारी मिली थी जिसके बाद उसे दबोच लिया गया।
सीआईडी के डीआईजी (ऑपरेशन) दिलीप आदक ने बताया कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति का क्लर्क सह स्टोरकीपर विकास कुमार ही पूरे मामले का मूल सूत्रधार है।
बिहार के पाटलिपुत्र निवासी विकास ने उत्तर पुस्तिका बदलने के लिए प्रत्येक छात्र से 5-10 लाख रुपए तक लिये थे। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने गुजरात की एक कंपनी को प्रश्नपत्र और उत्तर पुस्तिका छापने का ऑर्डर दिया था।
बाद में उस कंपनी से ऑर्डर छीनकर मथुरा की एक कंपनी को दे दिया गया लेकिन कुमार के ऊपर आरोप है कि उसने गुजरात की उस कंपनी को एक चिट्ठी भेजी और 18 लॉरी उत्तर पुस्तिका ले ली।
इसके बाद से ही उसने परीक्षार्थियों के अभिभावकों से संपर्क साधना शुरू कर दिया। वह उत्तर पुस्तिका देने के बदले लोगों से मोटी रकम वसूलता था।
इसके बाद गुजरात की वह कंपनी अपने बकाए के अदायगी के लिए बिहार पहुंची तो विकास कुमार का नाम सामने आया।
उस कंपनी की लिखित शिकायत के बाद जांच में उतरी पुलिस ने विकास को गिरफ्तार कर लिया। पता चला है कि कुछ दिन पहले आरोपी ने कोलकाता के फूलबागान इलाके में एक करोड का एक फ्लैट खरीदा है।