नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से जुड़ी एक फर्म को शुक्रवार को एक और नोटिस जारी किया है।
अधिकारियों ने बताया कि दस्तावेज पेश करने के लिए दूसरी बार नोटिस जारी किया गया, क्योंकि जांच एजेंसी ने इस संबंध में भेजे गए पहले नोटिस के जवाब में एक वकील की पेशी को गैर अधिकृत करते हुए उसे खारिज कर दिया था। क्योंकि वकील के पास कम्पनी के प्रतिनिधि के तौर पर ना तो कोई उचित कागजात हैं और ना ही कम्पनी की ओर से कोई अधिकार-पत्र।
उन्होंने बताया कि कम्पनी मेसर्स स्काइलाइट हॉस्पिटैलिटी को मामले के जांच अधिकारी के समक्ष कंपनी से संबंधी वित्तीय बयानों और अन्य दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए दो हफ्तों का समय दिया गया है।
यह मामला राजस्थान के बीकानेर जिले में एक भूमि सौदे में कथित रूप से की गई अनिमियतताओं का है। इसमें दामाद रॉबर्ट वाड्रा से जुड़ी फर्म मेसर्स स्काईलाइट हॉस्पीटैलिटी फर्म को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत नोटिस जारी किया गया है और वित्तीय लेन-देन की जानकारी मांगी गई है। साथ ही जमीन खरीद मामले से जुड़े दस्तावेज भी मांगे गए है।
ईडी ने पिछले महीने राजस्थान और अन्य स्थानों पर इस मामले में तलाशी ली थी और कई दस्तावेज मिलने का दावा किया था जिसके बाद यह दूसरा नोटिस जारी किया गया है। यह जांच बीकानेर के कोलायत इलाके में कथित रूप से कंपनी द्वारा 275 बीघा भूमि खरीदे जाने के संबंध में है।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले में पिछले साल मनी लॉन्ड्रिंग का एक मामला दर्ज किया था। एक स्थानीय तहसीलदार के शिकायत करने के बाद राज्य पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी को इसका आधार बनाया गया था।
रॉबर्ट वाड्रा पर आरोप है कि उनकी कंपनी स्काईलाइट ने 2008 में बीकानेर में खरीदी गई 79 लाख की जमीन को 2012 में 5 करोड़ 44 लाख रुपए में बेचकर मुनाफा कमाया। स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी कंपनी में रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां डायरेक्टर है।