रायगढ़। बिलासपुर संभाग के संभागायुक्त सोनमणि बोरा आज रायगढ़ जिले के घरघोड़ा क्षेत्र के ग्राम कंचनपुर का दौरा कर विशेष रेल लाईन परियोजना के निर्माण कार्यों का अवलोकन किया।
74 किलो मीटर लम्बी इस विशेष रेल लाईन परियोजना का निर्माण खरसिया से लेकर धरमजयगढ़ तक कराया जा रहा है। इस दौरान कलेक्टर अलरमेलमंगई डी, सहायक कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी, डिप्टी कमिश्नर झा उनके साथ थे।
संभागायुक्त बोरा ने इस मौके पर कलेक्टर अलरमेलमंगई डी एवं रेल परियोजना के निर्माण के लिए नियुक्त एजेंसी इरकान के अधिकारियों से भूमि अधिग्रहण एवं मुआवजा वितरण के बारे में जानकारी ली।
उन्होंने कहा कि शासन के मंशानुरूप किसानों की एक-एक इंच भूमि का मुआवजा दिया जाना है, इसमें किसी भी तरह की कोताही नहीं होनी चाहिए। बोरा ने इस दौरान कंचनपुर में नाले के ऊपर रेल्वे द्वारा बनाए जा रहे ब्रिज का मुआयना किया।
इरकान के प्रोजेक्ट इंचार्ज परविन्दर सिंह ने बताया कि इस पुल के निर्माण के लिए दो स्पॅान की फुटिंग का काम पूरा करा लिया गया है। उन्होंने बताया कि दोनों स्पॉन की मध्य की दूरी 32 मीटर है।
यह निर्माणाधीन पुल आगामी 100 साल तक उपयोग में आए इसको ध्यान में रखकर इसका निर्माण किया जा रहा है। खरसिया से लेकर कुडुमकेला तक कुल 52 किलो मीटर दोहरी रेल लाईन बिछायी जाएगी।
कुडुमकेला से लेकर घरघोड़ा तक सिंगल लाईन रहेगी। खरसिया से घरघोड़ा तक तीन स्थानों क्रमश: छाल, कारीछापर और घरघोड़ा में लोडिंग प्वाईंट बनाया जाएगा।
घरघोड़ा इस रेल लाईन का एक जक्शन होगा। जहां से 28 किलो मीटर लम्बी रेल लाईन डोंगामौहा-पेलमा तक बनाई जाएगी।
संभागायुक्त बोरा ने घरघोड़ा से पेलमा तक रेल लाईन के मध्य डोलेसरा अथवा एक अन्य बड़े गांव में स्टेशन प्रस्तावित करने की समझाईश दी। कलेक्टर मंगई डी ने बताया कि घरघोड़ा से लेकर पेलमा माईंस तक रेल लाईन बिछाने के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए जनसुनवाई हो चुकी है।
बोरा ने निर्माण एजेंसियों के अधिकारियों को खरसिया से लेकर धरमजयगढ़ के मध्य गुरदा, छाल, घरघोड़ा, कारीछापर, कुडुमकेला में रेल्वे स्टेशन का निर्माण के समय इस बात का ध्यान रखने को कहा कि स्टेशन से मुख्य बस्ती अथवा गांव तक जाने के लिए रोड कनेक्ट होती हो अथवा रोड का निर्माण मुख्य बस्ती तक बिना किसी व्यवधान के कराया जा सके।
इस दौरान इरकान के इंचार्ज परविन्दर सिंह एवं असमल खान ने बताया कि विशेष रेल परियोजना के लिए लाईन बिछाए जाने के लिए जिन स्थानों पर एलाईमेन्ट का प्राबलम आ रहा है वहां आवश्यकतानुसार किसानों की भूमि मुआवजा देकर रेल्वे लेगा।
उन्होंने बताया कि रेल लाईन परियोजना के लिए लाईन बिछाने हेतु अधिग्रहित की गई भूमि का चिन्हांकन सेटेलाईट के माध्यम से क्वार्डिनेट के अनुसार की गई है इसमें एक इंच का भी फर्क आने की गुजाईंश नहीं है।
निर्माण एजेंसी द्वारा लाईन बिछाने के लिए अधिग्रहित की गई भूमि की पहचान के लिए दोनों ओर सीमेंट के पोल गढाए गए है। उन्होंने बताया कि कहीं पर भी यदि शंका की स्थिति बनती है तो सेटेलाईट के माध्यम से क्वार्डिनेट के आधार पर इसका समाधान सहजता से किया जा सकेगा।