रायगढ़। उच्च न्यायालय बिलासपुर के चीफ जस्टिस नवीन सिन्हा ने शनिवार को जिला न्यायालय परिसर रायगढ़ में एक करोड़ 64 लाख 72 हजार रुपए की लागत से बनने वाले चार अतिरिक्त न्यायालय कक्ष, लाईब्रेरी कक्ष तथा कान्फ्रेंस हाल की आधार शिला रखी।
चीफ जस्टिस सिन्हा ने इस मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायगढ़ की वेबसाईट को भी लॉन्च किया। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता हाई कोर्ट के न्यायाधीश मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव ने की। कार्यक्रम में बिलासपुर हाईकोर्ट के न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा एवं न्यायाधीश पी.सैम कोशी विशिष्ट अतिथि के रूप में मंचस्थ थे।
चीफ जस्टिस नवीन सिन्हा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि रायगढ़ जिला न्यायालय पुराने प्रकरणों के मामले में प्रदेश का अग्रणी जिला है। रायगढ़ को मॉडल जिला मानकर इसका अनुशरण अन्य जिलों में भी होना चाहिए।
चीफ जस्टिस सिन्हा ने कहा कि मात्र पांच माह में 500 से अधिक पुराने प्रकरणों का निराकरण इस बात का परिचायक है कि यहां बार और बेंच में बेहतर समन्वय है। उन्होंने कहा कि रायगढ़ प्रदेश के चार-पांच प्रमुख बड़े जिलों में से एक है। यहां न्यायालयीन सुविधाएं में बढ़ोतरी का प्रयास लगातार किया जा रहा है। अतिरिक्त न्यायालय कक्ष बन जाने से न्यायालयीन कामकाज में सुविधा होगी।
न्यायाधीश मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव ने अपने उदबोधन में कहा कि जन सामान्य को त्वरित न्याय प्रदान करने की दिशा में पूरी प्रतिबद्धता से काम किया जा रहा है। उन्होंने बीते कुछ सालों में रायगढ़ जिला न्यायालय में बुनियादी सुविधाओं की वृद्धि के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने न्यायालय के पुराने लंबित मामलों का निराकरण मिशन मोड में करने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि हम सबकी यह कोशिश होनी चाहिए कि 2005 से पूर्व के शत-प्रतिशत प्रकरणों का निराकरण इस साल के अंत तक हो जाए।
न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा ने कहा कि रायगढ़ जिले में न्यायिक व्यवस्था अच्छी है। यहां टीम भावना से ही काम करने का परिणाम यह है कि 500 से अधिक पुराने प्रकरणों का निराकरण बीते पांच महीनों में किया गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जिला न्यायालय भवन के विस्तार, लाईब्रेरी कक्ष एवं कान्फ्रेंस हाल के बन जाने से कामकाज में सहूलियत होगी।
न्यायाधीश पी.सैम कोशी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया और कहा कि रायगढ़ जिला न्यायालय में बुनियादी अधोसंरचना के निर्माण एवं सुविधाओं से व्यवस्था को प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने बार एसोसियेशन के पदाधिकारियों एवं सदस्यों से न्यायालयीन प्रकरणों के त्वरित निराकरण में सहयोग का आव्हान किया।
अपने स्वागत उद्बोधन में जिला एवं सत्र न्यायाधीश एन.डी.तिगाला ने कहा कि बार एसोसियेशन के सहयोग से 719 पुराने प्रकरणों में से 500 प्रकरणों का निराकरण हो चुका है। शेष प्रकरणों के निराकरण की प्रक्रिया तेजी से जारी है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश तिगाला ने बताया कि 10 वर्ष से अधिक पुराने प्रकरणों को भी चिन्हित कर उसके निराकरण की कार्रवाई की जा रही है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में जिला एवं सत्र न्यायाधीश एन.डी.तिगाला, कलेक्टर अलरमेलमंगई डी, पुलिस अधीक्षक डॉ. संजीव शुक्ला, बार एसोसियेशन के नवनिर्वाचित अध्यक्ष सत्येन्द्र सिंह, सचिव राजेन्द्र पाण्डेय सहित वरिष्ठ अधिवक्ता ओपी बेरीवाल, आईपी शर्मा, एस.के.नंदे, वाई.के.षड़ंगी, आनंद मोहन राबड़ा, विजय सराफ, जेपी मिश्रा, अम्बा लाल पटेल ने चीफ जस्टिस एवं मुख्य अतिथि सिन्हा एवं न्यायमूर्ति गण का पुष्प-गुच्छ भेंटकर स्वागत किया।
कार्यक्रम का संचालन द्वितीय अतिरिक्त जिला न्यायाधीश ममता शुक्ला ने किया।
इस अवसर पर हाईकोर्ट बिलासपुर के रजिस्ट्रार जनरल चंदेल, विशेष न्यायाधीश मनीष नायडू, प्रथम अतिरिक्त जिला न्यायाधीश गरिमा शर्मा, द्वितीय अतिरिक्त जिला न्यायाधीश ममता शुक्ला, तृतीय अतिरिक्त जिला न्यायाधीश नीरज शर्मा, चतुर्थ अतिरिक्त न्यायाधीश डी.आर.देवांगन, पंचम अतिरिक्त जिला न्यायाधीश शुभ्रा पचौरी, अतिरिक्त जिला न्यायाधीश योगेश पारिक, सीजीएम सुनील नंदे, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अमित राठौर एवं कु. साक्षी दीक्षित, विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव के.के.सूर्यवंशी, अपर कलेक्टर श्याम धावड़े, एसडीएम प्रकाश कुमार सर्वे सहित अन्य अधिकारी व अधिवक्तागण एवं गणमान्य नागरिकगण उपस्थित थे।