बिलासपुर। हिमाचल के बिलासपुर में पिछले 96 घंटे से निमार्णधीन सडक़ टनल में फंसे तीन में से दो मजदूर से ट्रेस हो गए हैं। दोनों मजूदर जिंदा हैं। जबकि तीसरे मजूदर का अभी तक पता नहीं चल पाया है।
पांच दिनों तक कड़ी मशक्कत करने के बाद बचाव टीमों ने बुधवार देर शाम उनसे संपर्क स्थापित करने में कामयाबी हासिल की। माइक्रोफोन के जरिए दोनों से बात की गई।
कैमरा पहुंचते ही पांवटा के सतीश व मंडी के मणिराम ने अपने सकुशल होने का संदेश दिया। हालांकि तीसरे मजदूर हिरदा राम से संपर्क नहीं हो पाया है। हिरदा राम मंडी जिला के नाचन क्षेत्र के हटगढ़ गांव से है, जबकि मणिराम मंडी के ही खोलनाल के करेरी गांव से है। तीसरा मजदूर सिरमौर जिला के पांवटा के टौंरु गांव का रहने वाला है।
बातचीत के बाद उन्हें पाइप के माध्यम से पानी, खाना एवं दवा भेजी गई है। टनल में फंसे तीसरे मजदूर हिरदा राम का अभी पता नहीं चल पाया है। उसके मलबे में दबने की आशंका जताई जा रही है।
डीसी बिलासपुर मानसी सहाय का कहना है कि दो मजदूर टनल के अंदर ठीक हैं। माइक्रोफोन के जरिए उनसे बातचीत के साथ ही उन्हें सीसीटीवी में भी देखा गया है। फोन पर सतीश कुमार और मणिराम ने कहा है कि वो ठीक हैं और जल्दी खाना भेज दो।
उपायुक्त ने कहा कि टनल के अंदर से मलबे के बीच लोहे की पाइप डालकर उनका रेस्क्यू किया जा रहा है।
गौरतलब है कि बीते शनिवार को कीरतपुर-नेरचौक एक्सप्रेस हाईवे की निर्माणाधीन टनल धंसने से इसमें तीन फंस गए थे।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि बिलासपुर के टीहरा टनल में हुए हादसे के बाद फंसे तीन मजदूरों के मामले की जांच की जाएगी। लापरवाही किस स्तर पर हुई है इसकी जिम्मेदारी तय की जाएगी। सरकार सुरंग में फंसे लोगों से संपर्क करने के लिए प्रयासरत है।
हिमाचल हाईकोर्ट ने बुधवार को बिलासपुर टनल हादसे पर संज्ञान लेते हुए केंद्र और राज्य सरकार के अलावा हाईवे का निर्माण कर रही कंपनी से जवाब तलब किया है। हाईकोर्ट ने मजदूरों को निकालने के लिए अब तक किए प्रयासों की शुक्रवार ढाई बजे तक रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं।
मुख्य न्यायाधीश मंसूर अहमद मीर और न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान की खंडपीठ ने प्रशासन की कार्यशैली पर नाखुशी जताते हुए उपायुक्त बिलासपुर से भी जवाब मांगा है।