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बैंकों में निष्क्रिय करोड़ों का 'खजाना', RTI में चौंकाने वाला खुलासा - Sabguru News
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बैंकों में निष्क्रिय करोड़ों का ‘खजाना’, RTI में चौंकाने वाला खुलासा

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बैंकों में निष्क्रिय करोड़ों का ‘खजाना’, RTI में चौंकाने वाला खुलासा
shocking revelation by RTI : billions unclaimed money in dormant accounts and lockers in indian public sector banks
shocking revelation by RTI : billions unclaimed money in dormant accounts and lockers in indian public sector banks
shocking revelation by RTI : billions unclaimed money in dormant accounts and lockers in indian public sector banks

नई दिल्ली। विदेशी बैंकों में जमा काले धन पर सरकार की मशक्कत के बीच देश में ही करोड़ों रुपयों के निष्क्रिय पड़े होने का मामला सामने आया है।

बैंकों में पिछले पांच साल के दरम्यान निष्क्रिय पड़े खातों और लॉकरों के सिलसिले में आरटीआई द्वारा मांगी गई जानकारी में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। देश के 13 सरकारी बैंकों के 8 करोड़ 68 लाख 49 हज़ार 859 देशी और विदेशी खाते 5 साल या उससे ज्यादा समय से निष्क्रिय हैं। इनमे 28 हज़ार 750.43 करोड़ रूपए, 1 लाख 45 हज़ार 148 ब्रितानी पाउंड, 2 हज़ार 867.22 अमरीकी डॉलर, 13.33 लाख हांगकांग डॉलर और 4.01 लाख सिंगापुर डॉलर यूं ही पड़े हुए हैं।

दिल्ली के एक स्थानीय निवासी द्वारा सभी सार्वजनिक बैंकों में 5 साल या उससे ज्यादा समय से निष्क्रिय पड़े खातों और उनमें मौजूद राशि के बारे में वित्त मंत्रालय से सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत मांगी गई जानकारी में ये चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।

आरटीआई लगने के बाद मंत्रालय ने सभी बैंकों को आरटीआई की कॉपी भेजकर जानकारी देने के लिए कहा था। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अनुशंगी इकाइयों सहित सिर्फ 21 बैंकों ने जवाब देना उचित समझा।

इनमें एसबीआई, यूको बैंक, सेंट्रल बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी), बैंक ऑफ महाराष्ट्र, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, आंध्रा बैंक, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, सिंडिकेट बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और स्टेट बैंक ऑफ मैसूर ने मांगी गई जानकारी दी।सबसे ज्यादा 3 करोड़ 90 लाख 59 हज़ार 173 खाते एसबीआई में निष्क्रिय हैं। इनमें 17 हज़ार 887.85 करोड़ रूपए पड़े हैं।

इसके अलावा बैंक के 41 हज़ार 161 लॉकर भी पांच साल या ज्यादा समय से निष्क्रिय हैं। इसी तरह से सेंट्रल बैंक के 1 करोड़ 21 लाख 41 हज़ार 895 खातों में 2075 करोड़ रूपए और सिंडिकेट बैंक के 82 लाख 24 हज़ार 219 देशी और 128 विदेशी खातों में 1 हज़ार 715 करोड़ रूपए और 1 लाख 44 हज़ार 648 ब्रितानी पाउंड पड़े हैं।

लॉकरों के मामले में आईओबी में सबसे ज्यादा 43 हज़ार 889 लॉकर 5 साल से नहीं खोले गए हैं। जहां 13 सार्वजनिक बैंकों को जानकारी देने में कोई दिक्कत नहीं हुई, वहीं स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर (एसबीटी) समेत कुल आठ बैंकों ने गोपनीयता सहित विभिन्न कारणों का हवाला देकर जानकारी देने से इनकार कर दिया। एसबीटी, केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा ने कहा कि वे इस तरह के आंकड़े नहीं रखते।