लखनऊ। मिल्खा सिंह, मैरी कॉम, सचिन तेंदुलकर और महेंद्र सिंह धौनी के जीवन पर बनी फिल्मों की फेहरिस्त में हॉकी खिलाड़ी अरुणिमा का नाम भी जुड़ने जा रहा है, जिन्होंने अपने बुलंद हौसले और कृत्रिम पैर के सहारे माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया। अरुणिमा एक दुर्घटना में अपना एक पैर गंवा बैठी थीं।
उनके संघर्षमय जीवन पर डीएआर मोशन पिक्चर फिल्म बनाने जा रहा है, जिसके अनुबंध पर शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रामनाईक की उपस्थिति में राजभवन में पर्वतारोही पद्मश्री अरुणिमा सिन्हा और फिल्म निर्माता एवं डीएआर मोशन पिक्च र के प्रमुख विवेक रंगाचार्यी ने हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि दुर्घटनावश दिव्यांग हो जाने के बावजूद दृढ़ इच्छाशक्ति एवं पराक्रम का परिचय देते हुए अरुणिमा ने माउंट एवरेस्ट की 29,000 फुट ऊंची चोटी पर भारत का झंडा फहरा कर देश का नाम रोशन किया।
अरुणिमा ने अपने जीवन पर आधारित अंग्रेजी में प्रकाशित पुस्तक ‘बॉर्न अगेन ऑन दि माउंटेन’ की रचना की, जिसका लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। बाद में उसका हिन्दी अनुवाद ‘एवरेस्ट की बेटी’ प्रकाशित किया गया।
इस अवसर पर मोदी ने कहा था कि अरुणिमा का फिल्म जैसे नए क्षेत्र में आना दिव्यांगजनों के लिये प्रेरणा प्राप्त करने जैसी बात है।
पद्मश्री अरुणिमा सिन्हा ने कहा कि इस फिल्म के माध्यम से दिव्यांगजनों का हौसला बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि वह फिल्म से मिलने वाली रॉयल्टी को दिव्यांग बच्चों की शिक्षा एवं कौशल विकास के लिए समर्पित करेंगी। फिल्म ‘अरुणिमा’ दिसंबर 2018 तक बनकर तैयार हो जाएगी।