मुंबई। पूरी दुनिया 14 फरवरी यानी वैलेंटाइन डे को प्यार के दिन के रूप में मनाती हैं, लेकिन यह तारीख एक और शख्सियत के लिए याद की जाती है। अपनी खूबसूरती और बेमिसाल अदाकारी से बॉलीवुड में सालों तक राज करने वाली मधुबाला का जन्मदिन भी आज ही के दिन पड़ता है।
वो मधुबाला जिसकी एक मुस्कान लाखों लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला देती थी। उस दौर में मधुबाला को देखने के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती थी, जिसे सबसे खूबसूरत हिरोइन कहा जाता है।
मधुबाला का जन्म 14 फरवरी 1933 को दिल्ली में हुआ था। मधुबाला का असली नाम मुमताज बेगम देहलवी था, उनके पिता अताउल्लाह खान रिक्शा चलाया करते थे। बचपन से ही मधुबाला अभिनेत्री बनना चाहती थी, वो घंटों आइने के सामने खडी होकर एक्टिंग किया करती थीं। काम की तलाश में मधुबाला के पिता दिल्ली से मुंबई पहुंचे।
स्टूडियो के चक्कर लगाते-लगाते एक दिन उनकी बेटी को 9 साल की उम्र में फिल्म बसंत में काम मिल गया। बॉम्बे टॉकीज की मालकिन देविका रानी मधुबाला की अदाकारी से काफी प्रभावित हुईं। देविका ने ही उनका नाम मधुबाला रखा था। 1947 में फिल्म नील कमल में मधुबाला को बड़ा रोल मिला। इसके बाद जिस फिल्म ने मधु को शोहरत दिलाई वो थी बॉम्बे टॉकीज की फिल्म महल।
मधुबाला को इस फिल्म से खूब स्टारडम मिला। 1950 के दौर में मधुबाला बॉलीवुड पर राज कर रही थीं, यही नहीं हॉलीवुड के कई डायरेक्टर मधुबाला को अपनी फिल्मों में लेना चाहते थे, लेकिन उनके पिता ने इनकार कर दिया। फिल्मों के साथ-साथ मधुबाला अफेयर की खबरें भी आती रहीं, कई डायरेक्टर और एक्टर के साथ मधुबाला का नाम जुड़ा। हालांकि मधुबाला का दिल दिलीप कुमार के लिए धडक़ता था।
उन्होंने खुद फूल भेजकर दिलीप कुमार के सामने अपने प्यार का इजहार किया था। मधुबाला और दिलीप कुमार का प्यार 7 सालों तक चला, लेकिन उनके पिता को ये रिश्ता गंवारा नहीं था।
वो नहीं चाहते थे कि मधु की शादी हो, क्योंकि उनके अलावा घर का खर्च संभालने वाला कोई नहीं था। दोनों के रिश्ते इतने तल्ख हो गए थे, कि कहा जाता है कि मुगल ए आजम के सेट पर एक सीन में दिलीप मधुबाला को इतने जोड़ से थप्पड़ मारा कि सब लोग चौक गए।
टूटे हुए दिल को लेकर मधुबाला आगे बढ़ रही थी तो तभी उनके दिल पर मरहम लगाने के लिए एक शख्स आया। वो शख्स थे किशोर कुमार फिल्मों में काम करते वक्त दोनों में प्यार हुआ और दोनों ने शादी कर ली।
कहते हैं मधुबाला ने भले ही किशोर से शादी की हो, लेकिन उनसे प्यार नहीं कर पाईं। एक तो पति का साथ नहीं मिला, तो वहीं मधु को बीमारी ने आ घेरा। उनके दिल में छेद था उनकी हालत इतनी खराब हो गई थी कि फिल्म मुगल-ए-आजम के दौरान बॉडी डबल का इस्तेमाल करना पडा।
कहते हैं कि जो मधुबाला अपनी खूबसूरती के लिए जानी जाती हैं, वो बीमारी की वजह से ऐसी हो गई थीं कि वो खुद की शक्ल भी नहीं देखना चाहती थीं। 23 फरवरी 1969 में मधुबाला ने जिंदगी को अलविदा कह दिया।