सिरोही। नर्मदा का पानी जालोर से सिरोही के सौ गांवों तक पहुंचाने के लिए सर्वे का आश्वासन प्रभारी मंत्री करते आ रहे हैं। अब यह शोर भी मच रहा है कि अप्रेल तक नर्मदा का सर्वे पूरा कर लिया जाएगा, लेकिन सवाल यही है कि इस सर्वे का हाल भी वैसा नहीं हो जैसा कि जवाई और बत्तीसा नाला के सर्वे का हुआ है।
इन दोनों सर्वे पर भाजपा की राज्य सरकार ने गत वर्ष खुद गोपालन राज्यमंत्री को दो टुक जवाब दे दिया था कि सर्वे जारी है, लेकिन योजनाएं लागू करने को सरकार की कोई फिलहाल कोई योजना नहीं है।
जवाई मेसेनरी सेडल 2 का सर्वे
जवाई मेसेनरी सेडल-2 से शिवगंज के किसानों को सिंचाई के लिये पानी दिये जाने के लिए सर्वे करवाया जा रहा है। गत वर्ष तक यह सर्वे नहीं हो पाया था। इससे शिवगंज के नौ गांवों के किसानों को सिंचाई के लिए पानी दिये जाने की योजना थी, लेकिन जवाई कमांड क्षेत्र के किसानों के इसे लेकर धरना प्रदर्शन दिये जाने के कारण जवाई पुनरभरण योजना लागू होने तक इस पर रोक लगा थी। सरकार ने देवासी को दो टूक जवाब दे दिया कि सर्वे जारी है और इस पर 1.62 लाख रुपये खर्च भी हो चुका है, लेकिन इस योजना का लाभ किसानों को दिये जाने की उसकी कोई योजना निकट भविष्य में नहीं है।
बत्तीसा नाला का सर्वे
पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने 2008 में बत्तीसा नाला के सर्वे कार्य करवाने का काम सौंपा था। इसके लिए निजी कम्पनी को ठेका दिया था, लेकिन यह सर्वे पूरा नहीं हो पाया। राज्यमंत्री ओटाराम देवासी को वर्तमान राज्य सरकार ने यह जवाब दिया कि सर्वे अधूरा छोडकर जाने वाली निजी कम्पनी पर कार्रवाई प्रस्तावित है। इस सर्वे को पूरा करवाने और योजना को मूर्त रूप दिये जाने की क्या योजना है, इस पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं है। वैसे अधिकारी इसे मुख्यमंत्री के जोधपुर सम्भाग के दौरे के दौरान जिले मे करवाये जा सकने वाले सम्भावित कामो की सूची मे जरूर सूचीबद्ध की हुई थी।
तो क्या होगा इस सर्वे का
यदि ऐसी ही स्थितियां नर्मदा के पानी को सिरोही लाने के लिए बनती है तो नर्मदा के लिए किये जा रहे सर्वे का क्या हाल होगा। इसके लिये सबसे बडी जवाबदेही नर्मदा के नाम पर चुनाव जीतकर आये सांसद और सिरोही विधायक को देनी है।