सबगुरु न्यूज-आबूरोड। आबूरोड में भाजपा की जंग को वाकई महाभारत करार दिया जा सकता है। यहां भाजपा ही भाजपा के सामने पूरी दृढता के साथ खडी हो गई है। एक तरफ आबूरोड भाजपा की वर्तमान कार्यकारिणी और नगर पालिका बोर्ड है तो दूसरी तरफ पूर्व कार्यवाहक पालिकाध्यक्ष।
इत्तेफाक यह है कि कुरुक्षेत्र में भी कौरवों के अन्याय के खिलाफ अर्जुन धर्म की तरफ खडे थे तो आबूरोड के राजनीतिक रण में भी कथित अनियमितताओं के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले भी अर्जुन ही हैं। ये हैं आबूरोड नगर पालिका के पूर्व कार्यवाहक पालिकाध्यक्ष अर्जनसिंह।
इसकी शुरूआत भाजपा की उस कथित बैठक से हुई जिसमें आबूरोड के वर्तमान मंडल अध्यक्ष राजेन्द्र अग्रवाल ने माउण्ट आबू एसडीएम के खिलाफ इस बात को लेकर निंदा प्रस्ताव जारी करने के लिए बैठक आयोजित की थी कि वे नगर पालिका क्षेत्र में अनाधिकार हस्तक्षेप कर रहे हैं। इस निंदा प्रस्ताव की सभी जगह निंदा हुई।
विधायक जगसीराम कोली व भाजपा जिलाध्यक्ष लुम्बाराम चैधरी ने आबूरोड भाजपा मंडल की उस बैठक में एसडीएम के खिलाफ लिए गए निंदा प्रस्ताव को निंदनीय बताया। इस निंदा प्रस्ताव पर आबूरोड में सवाल यह उठने लगा। आम लोगों में यह चर्चा थी कि माउण्ट आबू एसडीएम जिस निर्माण कार्य की जांच करने गए थे, उसकी भ्रष्टाचार की शिकायत थी।
इस जांच के निर्देश भी उनके पास राज्य सरकार के पास से आए थे, तो आबूरोड मंडल अध्यक्ष की ऐसी क्या मजबूरी थी कि वह अपनी ही सरकार के निर्देशों की पालना कर रहे अधिकारी की निंदा करें। उनकी इस अनियमितता की जांच कर रहे अधिकारी की निंदा के पीछे क्या मंशा थी। इतना ही नहीं जिस छोटे-मोटे भवन निर्माण की जांच की बात उन्होंने बैठक में की थी, वह जांच एक आवासीय भवन की जगह काॅम्पलेक्स बना देने की थी।
इसमें भी आबूरोड मंडल की रुचि को लेकर आबूरोड में सवाल उठने लगे। ऐसे में आगे आए इस युद्ध के अर्जुन अर्जुनसिंह। भाजपा मंडल अध्यक्ष की विशेष बैठक के प्रेसनोट ने निस्संदेह भाजपा की भ्रष्टाचार से लडने की छवि को नुकसान पहुंचाया था। ऐसे में अर्जुनसिंह ने मुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष से वर्तमान आबूरोड भाजपा मंडल को भंग करने की मांग कर दी।
अनियमितता के खिलाफ दी रिपोर्ट
आबूरोड के इस अर्जुन का युद्ध यहीं नहीं रुका। अगले चरण में उन्होंने उस नाली प्रकरण में शामिल सभी लोगों के खिलाफ आबूरोड थानाधिकारी को पत्र लिखकर एफआईआर दर्ज करवाने को लिख दिया, जिनकी इस अनियमितता में कथित मिली भगत थी। नोटेरीशुदा रजिस्टर्ड एडी से आबूरोड थानाधिकारी को भेजे इस पत्र में बताया गया कि नगर पालिका के वर्तमान मंडल ने मार्च, 2015 में प्रकाशित विभिन्न विकास कार्यों की निविदा के तहत कार्य संख्या 38 में वार्ड संख्या 12 में नाली निर्माण कार्य का टेंडर दिया गया था।
अर्जुनसिंह ने बताया कि इस नाली की जगह ठेकेदार कम्पनी ने पुरानी नाली पर ही नाली बना दी और सरकारी कार्मिकों के साथ मिलकर नई नाली बनाने की एमबी आदि भरवाकर पैसा उठा लिया। इसमें अर्जुनसिंह भाजपा के वर्तमान पालिका अध्यक्ष सुरेश सिंदल समेत नगर परिषद के कार्मिकों की मिलीभगत का आरोप लगाते हुए इन सभी कि विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाने को लिखा है।
उल्लेखनीय है कि इसी नाली निर्माण कार्य की जांच उपखण्ड अधिकारी माउण्ट आबू करने गए थे तब आबूरोड नगर मंडल ने उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव जारी किया था। इस नाली को लेकर विवाद होते देख रविवार को ठेकेदार इस कार्य को नए सिरे से करवाने जा रहा था तो स्थानीय लोगों के हस्तक्षेप से प्रशासन ने इस काम को रुकवाया था। इस अनियमितता की उपखण्ड अधिकारी तथा मुख्यमंत्री कार्यालय को शिकायत भी अर्जुनसिंह ने ही की थी।
इनका कहना है….
भाजपा भ्रष्टाचार के खिलाफ लडने के लिए ही सत्ता में आई। ऐसे में भ्रष्टाचार की जांच करने वाले अधिकारी के खिलाफ भाजपा ही निंदा प्रस्ताव लाएगी तो लोगों में क्या संदेश जाएगा। मैने ही थानाधिकारी को इस प्रकरण में एफआईआर दर्ज करवाने के लिए रजिस्टर्ड एडी से एफआईआर भेजी है। यह टेंडर को पूर्व बोर्ड का था, लेकिन पैसा इसका वर्तमान सभापति ने जारी किया है।
अर्जुनसिंह
पूर्व कार्यवाहक पालिकाध्यक्ष, आबूरोड।
मेरे पास अर्जुनसिंह की ओर से भेजी गई कोई रिपोर्ट नहीं आई है। हो सकता है उन्होंने न्यायालय के माध्यम से यह एफआईआर दर्ज करवाने को पेश की है।
हंसाराम सीरवी
थानाधिकारी, आबूरोड शहर।
रविवार को जो काम करवाया जा रहा था वो इस्लामिया स्कूल के पास का था, इसका पच्चीस हजार को कोटेशन निकाला था। जिस नाली की जांच चल रही है वह अंबाजी रोड की है। दोनों अलग-अलग है। जिस नाली की जांच चल रही है उसका माप आदि सब पूर्व बोर्ड में हुआ है। भुगतान वर्तमान बोर्ड में तकनीकी अधिकारियों की संस्तुति का लिखते हुए किया है। प्रमाणीकरण, वस्तुस्थिति और फोटोग्राफ लगाने के बाद।
सुरेश सिंदल
पालिकाध्यक्ष, नगर पालिका, आबूरोड।