लखनऊ। ऊर्दू टीचर भर्ती मामला राजनीतिक दांव-पेंच में उलझता जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने अखिलेश सरकार को घेरते हुए पूछा है कि सरकार बताए कि उर्दू शिक्षक भर्ती मामले में एक से अधिक पत्नी वाला व्यक्ति पात्र होगा या नहीं?
प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि जो स्पष्टीकरण जारी किया गया उससे स्पष्ट है कि सरकार अपने ही फैसलों पर पुनः विचार कर रही है। इसलिए सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के मानदण्ड क्या हैं? एक से अधिक पत्नी होने वाले को क्या सरकार सरकारी नौकरी देने जा रही है?
पाठक ने कहा है कि एक से अधिक शादी करने वाला व्यक्ति सरकारी सेवा का पात्र नहीं है। तो क्या विशेष लोगों के दबाव में मंत्री स्पष्टीकरण दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या आवेदनकर्ता को आवेदन फार्म में वैवाहिक परिचय के कालम में दो पत्नी होने की जानकारी देने के बाद भी सरकार नौकरी के लिए पात्र मानेगी?
उन्होंने कहा है कि जिस तरह से इस मामले का विरोध हुआ है, उससे सरकार दबाव में है और यही वजह है कि मंत्री ने स्पष्टीकरण जारी किया है। सवाल यह है कि क्या इसके पहले जो बाते कही गईं, वे सब झूठी थीं। मंत्री के स्पष्टीकरण के बाद ऐसे ढेरों सवाल खड़े हो रहे हैं?
पाठक ने आरोप लगाते हुए कहा कि अब सरकार मजहबी आधार पर छूट की तैयारी कर रही है। अगर ऐसा हुआ तो सरकार को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि पूर्व की भांति से ही भर्तियां होगीं? तो क्या उन लोगों को भी इसके लिए पात्र माना जाएगा, जिनकी दो पत्नियां हैं?
उन्होंने कहा कि जिस तरह से समाचार पत्रों में शासनादेश के हवाले से समाचार आया कि दो पत्नियां होने पर ऊर्दू शिक्षक के लिए वह व्यक्ति पात्र नहीं होगा। आज क्या स्थिति है स्पष्ट होना चाहिए। क्योंकि ऊर्दू शिक्षक भर्ती के लिए जो दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, उसमें स्पष्टता नहीं है।