सिरोही। भाजपा के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी को नारा था ना खाउंगा ना खाने दूंगा। उन्हीं नरेन्द्र मोदी के नाम पर जीत कर आए सिरोही के भाजपा बोर्ड का नारा है ना सिर्फ हम खाएंगे, बाकी देखते रह जाएंगे। बोर्ड पर काबिज होते ही भाजपा ने सबसे पहला काम सिरोही की सरकारी जमीनों को खुर्द-बुर्द करने का काम शुरू किया।
सबगुरु न्यूज के हाथ ऐसे कई दस्तावेज लगे है, जिसके अनुसार सरकारी जमीनों के साथ-साथ कालोनियों की सुविधाओं की जमीनों को भी भाजपा के इस बोर्ड ने खुर्द बुर्द कर दिया है। इस अनियमितता मेन भाजपा बोर्ड कंग्रेस से कई कदम आगे निकल चुका है। सर्कारी जमीनो की लूट की स्थिति यह है कि खुद प्रधानमंत्री की सबके लिये घर योजना के लिये सरकार को जमीने खरीदने की नौबत आ सकती है।
सिर्फ एक ही आदमी पर पूरी मेहरबानी
सरकारी जमीनें खुर्द बुर्द करने में भाजपा बोर्ड ने एक ही व्यक्ति पर सबसे ज्यादा मेहरबानी दिखाई है। उसी के नाम कब्जा नियमन भी किए तो काॅलोनियों की फेसेलिटी की जमीनें भी उन्हीं के नाम की।
1218 के 13 से ज्यादा पटटे
अब तक शहर भर और सरकारी अमले केा यही पता है कि नगर परिषद की भूमि खसरा संख्या 1218 में सिर्फ 13 ही पटटे दिए गए हैं, लेकिन इन पटटों की संख्या इससे भी ज्यादा है। सबुगुरु न्यूज के पास इसी खसरे ऐसे 14 पटटे के रेकोर्ड मौजूद हैं। इसके अलावा कुछ और पटटे हैं, जिन्हें छिपाने का निष्फल प्रयास किया जा रहा है।
हर कोने से पटटे जारी
भाजपा के बोर्ड ने सिर्फ एक ही सरकारी जमीन को खुर्द बुर्द किया है ऐसा नहीं है। सिरोही के दक्षिणी छोर पर स्थित सेंट पाल स्कूल के पास स्थित जमीनों से लेकर उत्तरी छोर पर स्थित आदर्श नगर और सारणेश्वर मार्ग पर कई सरकारी जमीनों को खुर्दबुर्द कर दिया है। खसरा संख्या 1221, 1023 समेत कई ऐसे सरकारी खसरे हैं, जिनके पटटे धडल्ले से जारी किए गए।
तेरह को ही दर्जनों पटटे जारी
स्थिति यह रही की अकेले 13 जनवरी को ही नगर परिषद ने अतिक्रमण नियमन के कई पटटे जारी किए। इनमें 11, 13, 19, 20,21, 22, 23, 24, 26, 27, 28, 29 30, 50 समेत कई पटटे हैं जो संदेहास्पद हैं।
स्कूल और फैसेलिटी जांच की जरूरत
इसी दिन सिरोही नगर परिषद ने रिददी सिदधी कालोनी तथा लक्ष्मी नगर के फेसेलिटी जमीन का पटटा भी एक ही व्यक्ति के नाम से जारी कर दिया है। लक्ष्मी नगर में जो जिस जमीन को फेसेलिटी बताकर पटटा जारी किया है उस पर तो पहले ही प्लाटिंग करके प्लाट नम्बर भी दिए हुए हैं।
इससे सिरोही शहर की समस्त कालोनियों की जमीनों की जांच की भी जरूरत है, जिससे यह पता चल सके कि कितनी कालोनियों की स्कूल, बागीचे, सामुदायिक भवनों जैसे फेसेलिटी की जमीनों को नगर परिषद ने खुर्द-बुर्द किया है। इतना ही नहीं इन पटटों पर तो यह शर्त भी जोड दी गई है कि पटटा होल्डर इस जमीन को किसी अन्य व्यक्ति को भी पटटा जारी कर सकता है।