सिरोही। भाजपा बूथ स्तरीय सम्मेलन के दूसरे दिन मंगलवार को खंडेलवाल छात्रावास में हुए पूर्व व वर्तमान कार्यकर्ताओं के मन की बात में जिला संगठन की कार्यप्रणाली की पोल खोली। पूर्व व वरिष्ठ पदाधिकारियों के मन के छाले इस तरह फूटे की मन की बात में बड़ी ही शालीनता से उन्होंने भाजपा जिला संगठन की विफलताओं की पोल खोली। वहीं वर्तमान पदाधिकारी जिला संगठन और खुद के कार्यों पर संतोष जताते हुए कसीदे पढ़ते हुए भी नजर आए।
सूत्रों के अनुसार आमतौर पर सभी वरिष्ठ पूर्व पदाधिकारियों ने जिला संगठन की कार्यप्रणाली को आड़े हाथों लिया। पूर्व जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित ने कहा कि भाजपा पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा संगठन व सत्ता से भी जूझना पड़ रहा है। जिससे वह पीडि़त हो गया है।
वहीं एक पूर्व जिला मंत्री ने अपने चिरपरिचित अंदाज में यह तक कह डाला की प्रदेशाध्यक्ष को कोई कार्यकर्ता नहीं जानता। उन्होंने कभी यहां आकर कार्यकर्ताओं की सुध नहीं ली। हां, जिलाध्यक्ष जरूर जयपुर जाकर उनसे मिल आते हैं।
सूत्रों के अनुसार पांचों मंत्रियों को भाजपा के पूर्व महामंत्री विरेन्द्रसिंह चौहान ने कहा कि प्रशासन भाजपा पदाधिकारियों की सुनता तक नहीं है। उन्होंने संगठन के एक पदाधिकारी के ताजा उदाहरण देते हुए बताया कि पदाधिकारी व कार्यकर्ता सिर्फ यह चाहता है कि उसकी सही बात को सुना जाए और उस पर कार्रवाई करते हुए प्रशासन जनता को राहत देवे, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी यह भी नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जिला संगठन लाइक और डिसलाइ के अनुसार कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता तय करता है। उन्हें कार्यकर्ताओं और पदाधिकारी की क्षमताओं से कोई लेना-देना नहीं है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार भाजपा के एक अन्य पूर्व जिलाध्यक्ष कमलेश दवे ने जिला कार्यकारिणी, संगठन व प्रशासन के कार्यों के प्रति संतुष्टि व्यक्त की। पूर्व विधायक व महिला आयोग की पूर्व अध्यक्षा तारा भंडारी ने चिकित्सा विभाग की कुछ योजनाओं में सुधार की आवश्यकता जताई।
दिलीपसिंह मांडाणी ने ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत सुविधाओं सड़क व बिजली आदि की व्यवस्था को सुदृढ़ करने की बात कही। वहीं भीमाराम चौधरी ने कृषि क्षेत्र में काम करने की आवश्यकता जताते हुए रेवदर में कृषि मंडी की स्थापना की मांग मंत्रियों के समक्ष रखी।
पूर्व महामंत्री दीपाराम चौधरी ने संगठन में पुराने पदाधिकारियों को तवज्जो नहीं दिए जाने की व्यथा रखी। उन्होंने संगठनात्मक कार्यप्रणाली में सुधार की आवश्यकता जताई। कालन्द्री-डोडुआ सड़क मार्ग बनवाने की मांग की।
लोकेश खण्डेलवाल ने कहा कि संगठन आपसी विवादों में उलझा हुआ है। पूर्व विधायक संयम लोढ़ा भाजपा के लिए आने वाले समय में सबसे बड़ी चुनौती है। उनसे लडऩे की संगठन के पास कोई रणनीति नहीं और न ही कभी उनके बयानों का करारा जवाब दिया जाता है।
सूत्रों के अनुसार शिवगंज के योगेन्द्र गोयल ने कहा कि पुराने कार्यकर्ताओं को नहीं संभाला गया तो आने वाले चुनावों में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। वहीं सिरोही के पूर्व पालिकाध्यक्ष सुकदेव आर्य ने मत्रियों के समक्ष कहा कि कमेटियों में कार्यकर्ताओं को तवज्जो दिए जानी चाहिए।
रेवदर के पूर्व मंडलाध्यक्ष ने रेवदर भाजपा में धड़ेबाजी की बात मंत्रियों के समक्ष रखी। उन्होंने मत्रियों से इसकी मध्यथता करने के लिए स्नेहमिलन की आवश्यकता जताई।
आबूरोड के एक वरिष्ठ पदाधिकारी की तो आंखें तक डबडबा आई। उन्होंने कहा कि पुराने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की जा रही है। सरकार काम कर रही है, फिर भी कार्यकर्ता मायूस है।
गंगासिंह ने दूध डेयरी और किसानों के खेतों के चारों तरफ तारबंदी की बात कही। हरीश दवे ने कहा कि संगठन में चल रही उठापटक नुकसानदायक साबित हो सकती है। वहीं शिवगंज के एक पूर्व जनप्रतिनिधि ने तो सिरोही विधायक की कार्यप्रणाली पर अंगुली उठा दी। इस पर सुरेन्द्रसिंह टीटी ने इस बात को टाला।
पूर्व मंडललध्यक्ष भवानीसिंह, विष्णु मारू सुरेश कोठारी, लक्ष्मीनारायण, सुरेश सगरवंशी, अशोक पुरोहित, लु बाराम चौधरी, सुनील व्यास, हेमंत पुरोहित, महालक्ष्मी ओझा, हेमलता पुरोहित, नारायण देवासी, दक्षा गहलोत, ईश्वरचंद डागा आदि समेत कई कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने अपने मन की बात मंत्रियों को बताई।
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