सबगुरु न्यूज-सिरोही। मंत्री पद का जिले की जनता को लाभान्वित करने से ज्यादा ट्रांसफर पोस्टिंग में व्यस्त रहने के कांग्रेस और भाजपा के असंतुष्ट नेताओं का आरोप शायद जनता के जेहन में असर कर रहा है। मंत्री की अपनी ही विधान सभा में ग्रामीण जनता ने उनकी पार्टी को धराशायी कर दिया। वहीं जातिवाद और परिवारवाद के आरोपों से घिरे भाजपा जिलाध्यक्ष को दोहरा झटका दिया है जिलेवासियों ने।
जिले में भाजपा की तीन सीटें कांग्रेस की झोली में डालकर संदेश दे दिया है कि अगला विधानसभा चुनाव उनके लिए इतना आसान नही है। वैसे एक सीट कांग्रेस से छीनकर भाजपा को भी दी है। लेकिन दीनदयाल उपाध्याय जयंती पर सिरोही और पिण्डवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने इस हार का तोहफा देकर जिले में सत्ता की मलाई खाने में मशगूल नेताओं की स्थिति स्पष्ट कर दी है।
जिले की शिवगंज और पिण्डवाड़ा पंचायत समिति में पंचायत समिति डेलीगेट की 2-2 सीटों पर 22 सितम्बर को हुए उपचुनावों में भाजपा की तीन सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा जमा लिया है, वहीं कांग्रेस की एक सीट भाजपा की झोली में गिरी। इन चारों सीटों पर पंचायत समिति डेलीगेट के इस्तीफा देने के बाद यहाँ उप चुनाव हुए हैं।
चुनाव कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार शिवगंज पंचायत समिति के वार्ड संख्या 2 में कांग्रेस की अमृत कुंवर को 1482 मत मिले वहीं भाजपा की हरदीप कौर को 806 मत मिले। ये सीट पहले भाजपा के पास थी जो कांग्रेस ने छीन ली। वहीं इसी पंचायत समिति के वार्ड संख्या 8 में कांग्रेस के पनाराम ने भाजपा के किशनाराम को हराया। कांग्रेस को 1253 मत मिले वहीं भाजपा प्रत्याशी को 887 मत मिले। ये सीट भी भाजपा के पास ही थी।
इसी तरह पिण्डवाड़ा पंचायत समिति के वार्ड संख्या 2 में कांग्रेस की जोशना कुमारी ने भाजपा की प्रत्याशी पपुड़ी को हराया। वहीं पपुड़ी को 1133 मत मिले। वार्ड संख्या 7 में भाजपा की ममता ने 1482 मत हासिल करके कांग्रेस प्रत्याशी कुमारी आरजू को हराया। आरजू को 738 मत मीले। ये सीट पहले कांग्रेस के पास थी। वहीं वार्ड संख्या दो की सीट भाजपा के पास।
भाजपा की इस दुर्गत के साथ ही भाजपा के ही लोग सोशल मीडिया पर गोपालन राज्य मंत्री ओटाराम देवासी, सांसद देवजी पटेल और भाजपा जिलाध्यक्ष लुम्बाराम चौधरी पर हमलावर हो गए। सभी लोग इस हार की जिम्मेदारी इन नेताओं पर डाली है। वहीं इस जीत के बाद कांग्रेस और विशेषकर संयम लोढा के समर्थकों के हौंसले बुलंद हैं।