नई दिल्ली। दिल्ली भाजपा ने 400 करोड़ रूपउ के कथित जल बोर्ड टैंकर घोटाले की पारदर्शी जांच के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा मांगा है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने मंगलवार को यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेेलन में कहा कि दिल्ली जल बोर्ड पानी टैंकर घोटाले में एफआईआर दर्ज होने के बाद केजरीवाल में यदि नैतिकता शेष हो तो अविलंब इस्तीफा दें।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने जलबोर्ड घोटाले में तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को बचाने के भरसक प्रयास तो किए ही वहीं लगातार उन्हीं ठेकेदारों के ठेके चलते रहने देकर उनसे पिछली सरकार की तरह ही आर्थिक लाभ भी लिया है।
उन्होंने कहा कि जलबोर्ड घोटाले में एफआईआर होना भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा चलाये आंदोलन का परिणाम है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल जवाब दें कि उन्होंने 11 महीने तक इस रिपोर्ट को दबाए क्यों रखा?
रिपोर्ट को दबाने के पीछे मुख्यमंत्री और तीनों टैंकर कंपनियों के बीच क्या सौदा तय हुआ? ‘आप‘ सरकार के आने के बाद टैंकर कंपनियों को कुल कितनी रकम का भुगतान किया गया और इससे सरकारी खजाने को कितने रूपयों का घाटा हुआ।
गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री, उनकी सरकार और आम आदमी पार्टी जनता को यह कहकर गुुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं कि घोटाला तो शीला दीक्षित के जमाने में हुआ था।
सच्चाई यह है कि शीला दीक्षित ने वर्ष 2012 में तीनों कंपनियों को महंगी दरों पर नियम कानूनों को धता बताते हुए ठेके दिए। ठेके की शर्तों के तहत कंपनियों को 10 साल तक जल बोर्ड द्वारा हर महीने सात करोड़ रूपये अदा करने का अनुबंध किया गया था।