सिरोही। जिले की पांच में से तीन पंचायत समितियों में बहुमत मिलने के बावजूद भी भाजपा मात्र एक स्थान पर ही अपना प्रधान बना पाई। सिरोही और रेवदर में जबरदस्त बहुमत के बावजूद कांग्रेस ने निर्दलीयों की मदद करके भाजपा को सत्ताच्युत कर दिया।
जिले में सिरोही, पिण्डवाडा और रेवदर पंचायत समितियों में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला था। शिवगंज और आबूरोड में कांग्रेस के पास बहुमत था। रेवदर और सिरोही में कांग्रेस की निर्दलीय प्रधान बनाने की रणनीति सफल रही और गोपालन राज्यमंत्री और पंचायत राज चुनाव के प्रभारी ओटाराम देवासी के नेतृत्व क्षमता पर सवालिया निशान लगा दिया। सिरोही में निर्दलीय और भाजपा की बागी प्रज्ञा कंवर प्रधान बनी वहीं रेवदर में भाजपा के बागी पूंजाराम को प्रधान बनने में कांग्रेस का सहयोग मिला। सिर्फ पिण्डवाडा में बहुमत पाने के बाद भाजपा की टीपूबाई प्रधान बना पाई। बहुमत पाने के बाद आबूरोड में कांग्रेस प्रत्याशी लालाराम को और शिवगंज में जीवाराम आर्य प्रधान चुन लिए गए।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शनिवार को पांचों पंचायत समितियों में प्रधान के पद के लिए नामांकन हुए।
सिरोही में प्रज्ञा कंवर ने भाजपा और निर्दलीय के रूप मंे, दीपा राजपुरोहित ने निर्दलीय के रूप में तथा प्रेम कंवर ने भाजपा और निर्दलीय के रूप में नामांकन दाखिल किया। दीपा राजपुरोहित ने नाम वापस ले लिया। भाजपा ने पे्रम कंवर को अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया तो प्रज्ञा कंवर भाजपा की बागी के रूप में मैदान मे डटी रही। मतदान के बाद जब परिणाम घोषित किया गया तो भाजपा की बागी प्रज्ञा कंवर को 9 और भाजपा प्रत्याशी को 8 मत प्राप्त हुए।
इसी तरह का हाल भाजपा का रेवदर पंचायत समिति में हुआ। जगसीराम कोली के करीबी माने जाने वाले रणजीत कोली भाजपा प्रत्याशी थे, इनके सामने सांसद देवजी पटेल समर्थित माने जाने वाले भाजपा के पंचायत समिति सदस्य पुंजाराम मेघवाल ने निर्दलीय के रूप में नामांकन किया। यहां पर कांग्रेस के समर्थन से भाजपा के बागी पुंजाराम को 13 और भाजपा प्रत्याशी रणजीत कोली को आठ वोट मिले।
आबूरोड में कांग्रेस के लालाराम गरासिया को 9 और भाजपा के प्रत्याशी रूपाराम को 5 और निर्दलीय लकमाराम को एक वोट मिला। यहां प्रधान के चुनाव में भी नोटा का एक वोट पडा। कांग्रेस के लालाराम यहां प्रधान निर्वाचित हुए।
पिण्डवाडा में टीपूबाई भाजपा की तो शांतिदेवी कांग्रेस की प्रत्याशी थी। टीपूबाई को 17 और शांतिदेवी को चार वोट मिले। दुर्गाराम गरासिया की पत्नी टीपू गरासिया यहां से भाजपा की प्रधान बनी।
वहीं शिवगंज में संयम लोढा के करीब माने जाने वाले जीवाराम आर्य कांग्रेस के तथा प्रताप परमार भाजपा के प्रत्याशी थे। यहां जीवाराम आर्य ने 10 मत पाकर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी प्रताप परमार को पांच वोटों से हराया। प्रताप परमार को पांच मत मिले थे।