सिरोही। लोकसभा चुनावों में नरेन्द्र मोदी, विधानसभा में वसुंधरा राजे और नगर परिषद चुनावों में भाजपा सिरोही चुनाव प्रभारी गुलाबचंद कटारिया और वर्तमान पार्षद शंकरसिंह परिहार कांग्रेस पर जमकर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे थे। परिवर्तन की बात कर रहे थे।
सिरोही नगर परिषद में नवगठित नगर परिषद के भाजपा बोर्ड की कार्यप्रणाली देखकर यह लग रहा है कि भाजपा परिवर्तन की बात मात्र जनता के धन का दुरुपयोग करने और भ्रष्टाचार की कांग्रेस की परम्परा को खुद के माध्यम से करने के उददेश्य से की जा रही थी। सिरोही नगर परिषद में हो रहे ताजा मामले से तो कम से कम ऐसा ही लग रहा है। एक पूरी तरह से खाली काॅलोनी में नगर परिषद सडक बनवा रही है, बहाना यह दे रही है कि यह सडक पूर्व में पास हो चुकी थी और टेंडर निकल चुके थे। वैसे यह काम भाजपा बोर्ड में हो रहा है ऐसे में कांग्रेस के पास भाजपा की सत्चरित्रता के दावे की पोल खोलने के लिए यह सबसे उत्तम मामला है।
यह है मामला
दरअसल, वार्ड संख्या सात में रिद्धी-सिद्धी नाम की काॅलोनी है। यह काॅलोनी पूरी तरह से खाली है और मात्र एक मकान बना हुआ है। इस काॅलोनी में नगर परिषद फिलहाल सडक बनवा रही है। सडक भी इस तरह बनाई जा रही है कि जैसे नगर परिषद सिरोही के अन्य वार्डों के हित के लिए आए पैसों से काॅलोनाइजर को पूरा फायदा देना चाहती हो। इस काॅलोनी में सडक बनवाने के लिए सबसे ज्यादा उत्साहित एक पूर्व पार्षद नजर आ रहे थे, जिन्होंने बोर्ड की बैठक में इसमें और अर्जुन नगर काॅलोनी में सडक बनवाने का प्रस्ताव भी रखा था।
वैसे इस काॅलोनी में सडक बनवाने का टेंडर करीब डेढ साल पहले ही निकल चुका था, लेकिन इसका खुलासा मीडिया में होने से तत्कालीन अधिकारियों और बोर्ड ने इसे रोक दिया। फिर चुनाव आचार संहिता लगने से पहले वर्तमान उपखण्ड अधिकारी ओमप्रकाश विश्नोई के कार्यवाहक काल में हुई बोर्ड की बैठक में मिलीभगत करते हुए पार्षदों ने इस काॅलोनी में सडक बनाने का प्रस्ताव ले लिया।
बोर्ड में लिए गए इस तरह के जनता के धन से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी को फायदा देने के जनहित विरोधी व नियमविरुद्ध प्रस्तावों पर नोट आॅफ डिसेंट लगाया जाता है। खैर, अब जब भाजपा का बोर्ड बन गया तो इस काॅलोनी में सडक का निर्माण शुरू कर दिया गया है। सिरोहीवासियों को इस काॅलोनी में जाकर देखना चाहिए कि किस तरह से राधिका नगर, हाउसिंग बोर्ड समेत अन्य पूरी तरह से बसी हुई काॅलोनी के लोग सडकों को तरस रहे हैं, वहीं शहर के अंतिम कोने में बिना किसी आबादी वाली काॅलोनी में भाजपा के वर्तमान बोर्ड सडक बनवा रहा है। बहाना यह देने की कोशिश की जा रही है कि इसे पहले ही पास कर दिया गया था।
मामला संदेहास्पद और पद के दुरुपयोग का
पूरानी मीडिया रिपोटों पर गौर करें तो यह मामला पूरी तरह से पद के दुरुपयोग और जनता के धन से काॅलोनाइजर को फायदा पहुंचाने वाला है। इस काॅलोनी में बन रही सडक कई अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की नीयत पर सवालिया निशान लगा रही है।
-सबसे पहले तो वो जईएन और एईएन इसमें संदिग्ध हैं, जिन्होंने पूरी तरह से खाली काॅलोनी का एस्टीमेट बना दिया और इसमें यह हवाला नहीं दिया कि काॅलोनी में कोई आबादी नहीं है।
– यदि जेईएन और एईएन ने तकनीकी रिपोर्ट बनाने से पहले यह हवाला दिया है कि काॅलोनी में एक भी रिहायशी मकान नहीं है तो वो सभापति और आयुक्त इसके संदिग्ध हैं जिन्होंने इन काॅलोनियों में सडक बनवाने का टेंडर निकाला और वर्क आॅर्डर जारी किया।
– विवादों के बाद जब इस काम को रोक दिया गया तो इसके बाद बोर्ड की बैठक में इन खाली काॅलोनियों में सडक बनाने का प्रस्ताव रखने वाला पार्षद और इस प्रस्ताव पर सहमति जताने वाले पार्षद पद का दुरुपयोग करके जनता के धन का दुरुपयोग करने के मामले के संदिग्ध हैं। नियमानुसार ऐसा कोई निर्णय होने पर बैठक में मौजूद आयुक्त को नोट आॅफ डिसेंट लगाकर भेजना चाहिए था, लेकिन उन्होंने नोट आॅफ डिसेंट नहीं लगाया था तो भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो या पुलिस में इस मामले की एफआईआर होने की स्थिति में उनकी भूमिका पर भी सवाल उठेेंगे।
– इसके बाद भी वर्तमान में आसीन भाजपा बोर्ड के पार्षद और सभापति नैतिक रूप से जनता के धन के दुरुपयोग करके काॅलोनाइजर को फायदा पहुंचाने में संदिग्ध हैं। सबसे संदेहास्पद भूमिका वर्तमान उपसभापति धनपतसिंह की है, जिन्होंने बोर्ड की बैठक में इस काॅलोनी में सडक बनाने के प्रस्ताव का विरोध किया था और बहाना यह बना रहे थे कि उनका बोर्ड नहंी है इसलिए यह हो रहा है। जबकि इस खाली काॅलोनी में वर्तमान में उनके उपसभापति काल में ही सडक बनाना शुरू कर दिया गया है। संदिग्ध भाजपा पार्षद शंकरसिंह परिहार की भूमिका भी लग रही है जो सरजावाव दरवाजे पर आयोजित गुलाबचंद कटारिया की सभा के दौरान चिल्ला-चिल्ला कर यह दावा कर रहे थे कि तत्कालीन कांग्रेस बोर्ड भ्रष्टाचार से आकंठ डूबा है और वर्तमान में उनके पार्षद रहते हुए इस खाली काॅलोनी में सडकें बनने और उनके वार्ड की सडकें अधूरी होने पर आवाज नहीं उठा रहे हैं।
जाति वालों का बनाने का आरोप
इस काॅलोनी के ठीक समाने कालका जी मार्ग है। पूरी तरह से टूटा हुआ। मिटटी निकल चुकी है। इस सडक पर रहने वालों ने बताया कि दस साल से यह सडक नहीं बनी। रिद्धी-सिद्धी काॅलोनी में बन रही सडक की ओर इशारा करते हुए एक युवक ने कहा वो देखिये अपनी जाति वाले के प्लाॅटों में नगर परिषद सडक बनवा रही है, जबकि वहां पर कोई आबादी नहीं है। आरोप यह भी लगा कि इस वार्ड के कांग्रेस पार्षद मनु मेवाडा इस ओर रुख नहीं करते।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
रिद्धी-सि़द्धी काॅलोनी में सडक बनाने का काम पूर्ववर्ती कांग्रेस बोर्ड में ही स्वीकृत हो गया था। ऐसा नगर परिषद कार्मिकों ने उन्हें बताया था। इसलिए इसमें सडक बनाई जा रही है। काॅलोनी पूरी तरह से खाली है तो सडक बनाना गलत तो है ही।
ताराराम माली
सभापति, सिरोही।
मैने बोर्ड बैठक में इसको बनाने का विरोध किया था। मैने हमारे बोर्ड में इस सडक के निर्माण होने की सूचना मिलने पर आयुक्त को इसकी लिखित में सूचना देकर रोकने को कहा था।
धनपतसिंह राठौड
उपसभापति
नगर परिषद, सिरोही।
इस संदर्भ में सभापति से बात हुई थी तो उन्होंने कहा था कि पूर्ववर्ती बोर्ड में इसका प्रस्ताव लिया हुआ है और वर्क आॅर्डर भी दिया हुआ है। पूर्ववर्ती कांग्रेस बोर्ड के गलत निर्णयों की पालना इस बोर्ड में हो रही है यह गलत है और इस संदर्भ में सभापति से बात करुंगा।
शंकरसिंह परिहार
पार्षद, वार्ड संख्या-1।