भुवनेश्वर। राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पांच चरणों के बाद अनौपचारिक रुप से जो नतीजे आए हैं। उससे बीजद को सबसे अधिक झटका लगा है और भाजपा को सर्वाधिक लाभ हुआ है। कांग्रेस की स्थिति दयनीय हो गई है।
पांच चरणों के चुनाव के बाद के नतीजों के अनुसार बीजद को इस चुनाव में लगभग दो सौ सीटों को नुकसान हुआ है। लेकिन बीजद अभी भी नंबर वन पार्टी बनी हुई है। बीजद को 2012 के चुनाव में कुल 853 जिला परिषद की सीटों में से 651 सीटों हासिल हुई थी लेकिन इस बार उसे केवल 459 सीटों पर संतोष करना पड़ा है।
इसी तरह भाजपा का इस चुनाव में जबरदस्त उभार हुआ है। 2012 के चुनाव में भाजपा को केवल 36 सीटें हासिल हुई थी, लेकिन पार्टी ने इस बार इस सूची को नौ गुना बढ़ाने में सफलता हासिल की है। पार्टी को इस बार 307 जिला परिषद जोनों पर सफलता हासिल हुई है। अब भाजपा बीजद के काफी करीब पहुंच चुकी है।
इसी तरह कांग्रेस का इस चुनाव में बुरा हाल हुआ है। अब तक राज्य में दूसरे नंबर की पार्टी मानी जाने वाली कांग्रेस न केवल तीसरे स्थान पर पहुंच गई है बल्कि 100 सीटों का आंकडा भी पार नहीं कर पाई है। दूसरे नंबर की पार्टी भाजपा से कांग्रेस काफी पीछे चली गई है।
पिछले चुनाव में कांग्रेस को जहां 142 सीटें हासिल हुई थी इस बार कांग्रेस की सीटें लगभग आधी हो गई है । पार्टी को 76 सीटें हासिल हुई हैं। कांग्रेस की दयनीय स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राज्य के 30 जिलों में से 15 जिलों में कांग्रेस खाता नहीं खोल पाई है।