सबगुरु न्यूज-सिरोही। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा को बेशकीमती जमीन 1.28 करोड़ में देने से करोडों का नुकसान हुआ है। इन आरोपों के प्रकाश में ये कहा जा सकता है कि जनता के धन और संपत्ति की कांग्रेस से सुरक्षा के वायदे के साथ सत्ता में आई भारतीय जनता पार्टी किस तरह से सत्ता में आते ही जनता के धन को खुदके फायदे के लिए इस्तेमाल कर रही है इसकी बानगी राजस्थान में भाजपा कार्यालय बनाने के लिए भाजपा सरकार की कार्यप्रणाली से लग रही है। कांग्रेस इसीलिए आरोप लगा रही है कि योजनाओं और नियमों को इस तरह तोडा मरोडा गया कि इसका फायदा अपनी ही राजनीतिक पार्टी को दे दिया गया।
वास्तवित डीएलसी दर के अनुसार आकडों के गुणा-भाग को देखें तो अकेले सिरोही में ही राजस्थान की भाजपा सरकार में सत्ता का कथित दुरुपयोग से भाजपा जिला कार्यालय की जमीन में भाजपा को करीब 38 से 49 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचा है। वैसे सरकार ऐसा करने के लिए अधिकृत है, लेकिन ये सवाल भी बनता है कि जिस तरह मंत्री, अधिकारी या जनप्रतिनिधि के अपबे अधिकारों का इस्तेमाल करके अपने ही रिश्तेदार को फायदा पहुंचना भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है तो क्या भाजपा की राज्य सरकार द्वारा अपनी पार्टी भाजपा को फायदा देने के लिए भूमि की दरें डीएलसी से भी कम करना अनियमितता की श्रेणी में नहीं आता है।
जो जमीन राज्य सरकार ने जिला भाजपा कार्यालय के लिए दी है उसकी दर तो रिहायशी और व्यावसायिक भूमि की वास्तविक डीएलसी दर से भी एक चैथाई है। ऐसे में यदि राज्य के 33 जिलों में भाजपा कार्यालय बनाये जा रहे है और उसके लिए भी इसी तरह जमीनों की दर डीएलसी से भी कम की होगी तो इस आंकड़े के अरबों में पहुंचने में कोई अतिश्योक्ति नही है।
सम्भवत इसी कारण पूर्व विधायक संयम लोढा इस मामले को हाईकोर्ट में ले जाकर इस जमीन आवंटन को निरस्त करवाने और भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करवाने की बात कर रहे हैं।
-सिरोही के एफ जोन में पडती है ये जमीन
जिस क्षेत्र में सिरोही में भाजपा को भूमि आवंटित की गई है उस इलाके में जमीन की डीएलसी सिरोही में सबसे ज्यादा है। पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग ने इस क्षेत्र को एफ जोन में रख है। वर्ष 2014 में डिस्ट्रिक्ट लेवल कमिटी की ओर से जारी दर में सिरोही शहर की डीएलसी में दस प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
इसके अनुसार सुरेन्द्रभाई के पेट्रोल पम्प से नया बस स्टैण्ड तक की भूमि की व्यावसायिक भूमि की दर करीब 2 लाख एक हजार 730 रुपये प्रति वर्ग मीटर या 18 हजार 730 रुपये प्रति वर्ग फीट आती है। वहीं रिहायशी भूमि की डीएलसी दर करीब 29 हजार 570 रुपये या दो हजार 750 रुपये प्रति वर्ग फुट है।
जबकि भाजपा को ये करीब 21520 वर्ग फीट भूमि राज्य सरकार ने मात्र 1.28 करोड़ में दे दी है। इसके अनुसार भाजपा कार्यालय के लिए भाजपा को यह भूमि करीब 566 रुपये प्रति वर्ग फीट की दर से ही दे दी गई है। यह भूमि इसी जोन के इसी क्षेत्र में पडती है। ऐसे में इस जमीन की डीएलसी दर से वास्तविक डीएलसी दर से कितनी कम करके भाजपा को लाभ पहुंचाने का कांग्रेस विधायक संयम लोढा का आरोप काफी हद तक सही प्रतीत हो रहा है।
-डीएलसी से नीलाम करते तो भी 40 करोड़ मिलते
यदि इस भूमि को नीलाम किया जाता तो इसके डीएलसी दर के अनुसार है व्यावसायिक उपयोग के लिए बेचने पर भी 2000 वर्ग मीटर यानी कि करीब 21 हजार 520 वर्गफीट भूमि के राजकोष को 40 करोड़ रुपये मिलते जिससे सिरोही नगर पालिका क्षेत्र में विकास के कई काम हो जाते। और रिहायशी डीएलसी पर भी नीलाम करती तो भी इस भूमि के करीब 5 करोड़ 90 लाख रुपये मिलते।
अब कांग्रेस के आरोप के अनुसार ये अंदाज लगाना मुश्किल नही है कि यदि पूरे प्रदेश में भाजपा सरकार ने भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए डीएलसी दरों को इसी तरह से कम किया होगा राजकोष को कितना नुकसान हुआ होगा। वैसे कोई भी जमीन डीएलसी दर से दस प्रतिशत से ज्यादा दर में ही बिकती है। ऐसे में इसी जमीन की कीमत पूर्व विधायक संयम लोढा के पचास करोड रुपये आंकडे के करीब हो सकती है।