सबगुरु न्यूज-सिरोही। ट्रोमा सेंटर, आईसीयू सेंटर समेत अन्य भवनों का उद्घाटन समारोह सिरोही के अधिकारियों के गले की घंटी बन गया है।
वैसे तो संवैधानिक रूप से भी और नियमानुसार भी इन शिलापट्टों पर सरकार के प्रतिनिधि यानि मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों के अलावा किसी का नाम नहीं लिखा जा सकता, लेकिन सिरोही में पिछले कुछ दिनों से सत्ताधारी दल के पदाधिकारी इस बात को लेकर परेशान है कि उनका भी नाम इन शिलापट्टों पर आए। इसके लिए अधिकारियों को तलकर रख दिया है। इसके लिए अधिकारियों पर हर तरह की दबाव की रणनीति अपना रहे हैं।
प्रशासनिक और पार्टी सूत्रों की मानें तो अपनी सरकार में यह संगठन पदाधिकारी अब तक कायदों को ताक में रखकर जो काम अधिकारियों से करवाते रहे वैसा ही कुछ जिला चिकित्सालय के कार्यक्रम में भी करने को आतुर हैं।
कुछ महीने पहले सिंदरथ में कक्षाकक्षों के उद्घाटन व सिरोही शहर में हाईमास्ट लाइट के उदघाटन के दौरान लगाए गए शिलापट्टों पर नियमविरुद्ध भाजपा के पार्टी पदाधिकारियों के नाम लिख दिए गए।
मीडिया रिपोर्टों में प्रशासनिक अधिकारी इसे प्रोटोकाॅल के विरुद्ध बताते रहे, लेकिन अब तक इन शिलापट्टों को सुधारा नहीं गया है।
इधर, जिले तब और अब के राजनीतिक हालातों में काफी अंतर आ चुका है। अब विपक्ष इतना आक्रोशित रूप में आ चुका है कि प्रशासनिक अधिकारियों के साथ खुद सत्ता पक्ष नेताओं को उसे संभालने में मुश्किल आ रही है।
यदि ऐसी स्थिति में भी यदि प्रशासनिक अधिकारी नियमों विपरीत यदि शिलापट्टों में राजनीतिक पार्टी के पदाधिकारियों के नाम लिखवाते हैं तो वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उन्हें लेने के देने भी पड़ सकते हैं और हो सकता है कि कार्यक्रम के रंग में भंग पड़ जाए। वैसे विपक्ष भी ऐसी गलती की ताड़ में बैठा है।