हरिद्वार। प्रदेश में सरकार बनाने के लिए भाजपा किसी भी हद तक जा सकती है। भाजपा ने निर्वाचित सरकार गिराकर लोकतंत्र की हत्या की है। इन पापों की सजा जनता आने वाले चुनावों में उसे देगी। उक्त बात रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कनखल स्थित शंकराचार्य मठ में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कही।
रावत पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के बाद यहां शंकराचार्य का आशीर्वाद लेने के लिए आए थे। करीब आधा घंटा बंद कमरे में शंकराचार्य से वार्ता के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए हरीश रावत ने कहा कि लोकतंत्र बचाओ यात्रा के माध्यम से हम जनता के बीच जा रहे हैं। हमने न्याय के लिए न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया है।
भाजपा पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा ने देवभूमि उत्तराखण्ड में दलबदल का नारा देकर पाप किया है। अपनी सरकार बनाने के लिए भाजपा कोई भी कुकृत्य कर सकती है। भाजपा के पापों की सजा चुनावों में जनता देगी।
पीडीपी के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हमने अभी तक उनके मुखिया के तौर पर नेतृत्व किया है। हम आज भी साथ-साथ हैं। बहुगुणा के दो दिन पूर्व दिए बयान की हरीश रावत ने नदियों को खोदा हमने उनकी कुर्सी खेद के संबंध में जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में खनन के जो पट्टे आबंटित थे उनमें से पांच सौ पट्टे बहुगुणा के कार्यकाल में आबंटित हुए, शेष भाजपा सरकार ने किए थे।
ऐसे में हमारे द्वारा नदियों को खोदे जाने की बात कहना हास्यास्पद है। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद महाराज से मुलाकात के संबंध में श्री रावत ने कहा कि हम उनसे आशीर्वाद लेने के लिए आए थे और हमने प्रदेश की सुख-समृद्धि के लिए उनसे कामना की। उन्होंने कहा कि हमने उनसे अनुरोध किया की चार धाम यात्रा काल में वे चारों धामों में से किसी एक धाम में प्रवास करें।
रावत ने कहा कि चार धाम यात्रा की तैयारियां उनके द्वारा पूरी की जा चुकी थीं। इस बार चारधाम यात्रा के लिए रिकार्ड रद्धालु आएंगे। प्रदेश के 90 प्रतिशत होटल व धर्मशालएं अभी से बुक हो चुकी हैं। भाजपा की आज से प्रारम्भ हुई भ्रष्टाचार मिटाओ यात्रा के सबंध में श्री रावत ने कहा कि भाजपा को भ्रष्टाचार मिटाओ नहीं प्रायश्चित यात्रा निकाली चाहिए थी।
उन्होंने विधायकों को तोड़कर प्रदेश में दलबदल का नासूर दिया है। भाजपा को चाहिए की वह प्रदेश के सभी तीर्थों में जाए और सभी नदियों के जल से स्नान कर अपने पापों का पायश्चित करे। केदारनाथ स्थित आदी शंकराचार्य की समाधि के संबंध में जिसके लिए शंकराचार्य ने राज्यपाल को ज्ञापन देकर समाधि स्थल उन्हें सौंपने की मांग की है के संबंध में रावत ने कहा कि केदारनाथ में जो कार्य किए जाने थे उनकी सरकार ने वह किए।
समाधि के लिए प्लान बनाया गया है। अभी सुरक्षा की तीन दीवारें बनाने के बाद समाधि का जीर्णोंद्वार किया जाएगा। समाधि स्थल पर मलबा अधिक है, किन्तु समाधि का निर्माण प्लान का हिस्सा है।