जयपुर। राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को भाजपा विधायक दल की बैठक हुई। बैठक में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समेत 30 विधायक नहीं पहुंचे। पार्टी ने विधायक दल की बैठक में न पहुंचने वाले विधायकों पर पेनल्टी लगाना तय किया था, लेकिन इस बार किसी पर पेनल्टी नहीं लगी।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की अनुपस्थिति में गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया और संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने यह बैठक ली। बैठक में विधायकों की कार्यशैली को लेकर की गई टिप्पणी का मामला भी आया।
संसदीय कार्य मंत्री ने ऐसे विधायकों पर नाराजगी जताई जो अनुदान मांगों की बहस में शामिल तो होते हैं लेकिन मंत्री के जवाब के दौरान सदन से नदारत रहते हैं। बैठक में सुनिश्चित किया गया कि जो विधायक अनुदान मांगों में बोलेंगे वो मंत्री के जवाब के दौरान सदन में रहेंगे।
बैठक में भरतपुर से आने वाले विधायक विजय बंसल ने एक बार फिर विधायक कोष की राशि बढ़ाने की मांग दोहराई। हालांकि संसदीय कार्य मंत्री ने इस विषय को सीएम के स्तर पर विचाराधीन बताया।
भाजपा ने तय कर रखा है कि विधायक दल की बैठक में नहीं आने वाले वालों पर 500 और 1000 रुपए की पेनल्टी लगाई जाएगी। लेकिन इस बार विधायकों को त्यौहारों के चलते पेनाल्टी मुक्त रखा गया है। आरएसएस की गूरू दक्षिणा की तर्ज पर भाजपा अपने कार्यकर्ताओं से समर्पण राशि ले रही है।
हर कार्यकर्ता से उसकी क्षमता के अनुसार समर्पण राशि ली जा रही है, लेकिन भाजपा के विधायकों के लिए ये राशि उनकी इच्छा के अनुसार ना होकर विधायकों की एक माह की तनख्वाह (55 हजार रुपए) तय की गई है। इतना ही नहीं ये राशी विधायकों की तनख्वाह से सीधे ही भाजपा के खाते में ट्रांसफर की जाएगी।
इसके लिए संगठन की ओर से लेटर भी आ गया है, लेकिन अब विधायक इतनी ज्यादा राशि देने को तैयार नहीं हो रहे हैं।
कुछ विधायकों ने विधायक दल की बैठक में समर्पण राशि को कम किए जाने की बात कही, लेकिन मुख्य सचेतक कालूलाल गुर्जर ने इसे संगठन का विषय बताया। गुर्जर ने कहा कि इस विषय में विधायकों को अपनी जो भी बात कहनी है प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी से कहे।