भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का किसान परस्ती का ढोंग बेनकाब हो चुका है।
पिछले दस वर्षों में कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए सरकार ने कारपोरेट घरानों के साथ मिलीभगत करके 12 लाख करोड़ के घोटाले किये। किसानों के लिये आवष्यक रासायनिक खादों के मूल्य बढ़ाकर कारर्पोरेट घरानों के पौबारह करा दिये।
उन्होंने कहा कि आज राहुल गांधी किसानों के सरपरस्त बनने की आड़ में एक ऐसे संशोधन का विरोध कर रहे हैं, जिसमें गांवों के विकास और किसान की खुशहाली की संभावनाए हैं। भूमि अधिग्रहण संशोधन का विरोध करके कांग्रेस वास्तव में किसानों का अहित कर रही है।
जबकि हकीकत यह है कि कांग्रेस के शासन में हतास होकर 3 लाख किसान खुदखुशी के लिए विवश हो चुके हैं। किसानों के समक्ष उद्यत संकट वर्ष 2014-15 की देन नहीं आजादी के बाद कांग्रेस द्वारा खेती को हांशीये पर डालने का दुष्परिणाम है।
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक वर्ष में सकारात्मक बदलाव आया है। महंगाई नरम पड़ी है। भ्रष्टाचार घोटालों पर अंकुष लगा है और देश की विकास दर बढ़ी है, राजस्व घाटा घटा है। यदि राजनैतिक आग्रह दुराग्रह और पूर्वाग्रह से मुक्त एक निरपेक्ष नागरिक की तरह गौर करें तो यही ‘अच्छे दिन’ का सबूत है।
नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा कि कोलगेट ने यूपीए सरकार के मुह पर कालिख पोत दी है। जबकि 39 कोल ब्लाक की नीलामी से मोदी सरकार ने तीन लाख करोड़ रू. कारपोरेट जगत से वसूल किये हैं, उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार में कारपोरेट घरानों की भूमिका सर्वज्ञात है।
वजनदार मंत्रालय दिये जाने के लिए कारपोरेट्स सरकार पर दबाव डालने और लाबी काम करती थी। कारपोरेट परस्त कांग्रेस थी। श्री मोदी ने अंग्रेजी सरकार द्वारा थोपे गये कानून की समीक्षा कर गुणदोष के आधार पर उन्हें समाप्त करने का फैसला किया। साथ ही पीएफ खातों में 27 हजार करोड़ रू. की राशी को वापस करने का भी फैसला लिया है।
श्री चौहान ने कहा कि मोदी सरकार ने आम आदमी गरीब का सम्मान बढ़ाया और उन्हें आर्थिक कवच अटल पेंशन, प्रधानमंत्री जीवन बीमा, जीवन ज्योति बीमा के रूप में दिया है। आम आदमी का सम्मान बढ़ते हुए जिन मामलों में शपथ पत्रों की जरूरत होती थी, अब आवेदक को ही अपना सत्यापन का अधिकार देकर उनकी विश्वसनीयता में चारचांद लगाये हैं, जिससे आम आदमी ने गौरव महसूस किया है।