नई दिल्ली। ओडिशा में संपन्न स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा के तेजी से हुए उभार और शानदार प्रदर्शन ने विरोधियों को हैरत में डाल दिया है। पहले चरण के चुनाव में भाजपा ने सत्तारूढ़ बीजू जनता दल के बाद दूसरे स्थान पर कब्जा जमा लिया है।
इतना ही नहीं भाजपा ने कांग्रेस मुक्त अभियान के तहत उसे तीसरे स्थान पर धकेल कर प्रमुख विपक्षी दल का स्थान ले लिया है। भाजपा के इस प्रदर्शन के बाद 2019 में होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी और उसके नेताओं की ओर से बड़े दावे किए जाने लगे हैं।
जिला परिषद की 188 सीटों के लिए हुए पहले चरण के चुनाव में बीजेडी ने 96 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा को 71 सीटों पर कामयाबी मिलीं। कांग्रेस को सिर्फ 11 सीटें ही मिल पाई है। पांच साल पहले हुए चुनाव में जिला परिषद की 851 सीटों में से बीजेडी को 651 सीटें मिली थीं और कांग्रेस को 126। तब भाजपा सिर्फ 36 सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी थी।
भाजपा ने कालाहांडी में सभी 9 जिला परिषद सीटों पर झंडा फहराया है। हालांकि भाजपा का आरोप है कि राज्य सरकार ने बड़े पैमाने पर धांधली की है। राज्य में भाजपा का चेहरा और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का कहना है कि बड़े पैमाने पर मतदाता सूची में गड़बड़ियां की गईं।
वहीं राज्य भाजपा प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह का कहना है कि पहले चरण के मतदान के बाद ही वोटों की गिनती कराके सत्तारूढ़ बीजेडी बाकी चरणों में बढ़त बनाना चाहती है लेकिन ऐसा नहीं होगा। राजनीतिक पर्यवेक्षकों को बीजेपी के प्रदर्शन पर हैरानी है, क्योंकि अमूमन इस राज्य में बीजेडी और कांग्रेस के बीच मुकाबला माना जाता है।
बीजेपी लंबे समय तक बीजेडी की सहयोगी रही और उसकी छत्रछाया से मुक्त होने की कोशिश करती रही। सीटों के बंटवारे को लेकर जब दोनों पार्टियों का गठबंधन टूटा तब अकेले लड़ी बीजेपी का बेहद खराब प्रदर्शन रहा था। ओडिशा विधानसभा में भाजपा के 10 विधायक हैं। भाजपा इस राज्य में तीसरे नंबर की पार्टी है।
पिछले विधानसभा चुनाव में उसे 18 फीसदी वोट मिले थे। जबकि करीब 26 फीसदी वोट लेकर कांग्रेस ने 16 विधायक जीते थे। हाल ही में भाजपा में दूसरी पार्टियों से कई बड़े नेता शामिल हुए हैं। साथ ही, पार्टी खुद को बीजेडी के विकल्प के रूप में स्थापित करने में जुटी हुई है।
स्थानीय निकाय के चुनाव नतीजों से भाजपा के हौसले बुलंद हुए हैं। पार्टी नेताओं का कहना है कि यूपी समेत पांच राज्यों के चुनाव खत्म होने के बाद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह देश भर का दौरा करेंगे। ये दौरे अगले लोकसभा चुनावों की तैयारी को लेकर होंगे। इनमें उन राज्यों में खासतौर से ध्यान दिया जाएगा जहां 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को कामयाबी नहीं मिल सकी थी।
इन राज्यों में तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और ओडिशा प्रमुख रहेंगे। राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह के मुताबिक अमित शाह 6 दिन ओडिशा का दौरा करेंगे, जहां तीन दिनों तक वो अलग-अलग बूथों पर प्रवास करेंगे।
उनका कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन बड़ी रैलियां राज्य में हो चुकी हैं और स्थानीय निकाय के नतीजे पार्टी के पक्ष में बन रहे माहौल को दिखा रहे हैं, क्योंकि 17 साल से राज्य में सत्ता पर काबिज नवीन पटनायक के खिलाफ माहौल बनने लगा है।