जयपुर। भाजपा के वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने विधानसभा में एक बार फिर सरकार और ब्यूरोक्रेसी को आड़े हाथों लिया।
विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए तिवाड़ी ने अभिभाषण का समर्थन तो किया लेकिन अभिभाषण के अंत में आओ साथ चलें के नारे को लेकर लिखी गई ऋगवेद की ऋचा पर सवाल खड़ा कर दिया। आओ साथ चलें पूरी तरह गलत है और ब्यूरोक्रेसी के दिए हुए अभिभाषण को जस का तस नहीं अपनाकर इसमें सुधार किया जाना चाहिए।
तिवाड़ी ने राज्यपाल के अभिभाषण पर बोलते हुए कई बार इशारों ही इशारों में सरकार पर निशाना साधा। इसके साथ ही पूर्व मन्त्री ने यह भी कह दिया कि इन दिनों लगातार उनकी तरक्की हो रही है। सदन में बैठे बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी का नाम लिए बिना तिवाड़ी ने कहा कि पहले उनकी गिनती पार्टी के 80 लाख कार्यकर्ताओं में हो रही थी।
फिर विधानसभा से सत्र के लिए बुलावा आया तो 200 में गिनती हुई। इसके बाद बीजेपी विधायक दल में बुलाया तो उन्हें 160 में गिना गया। उन्होंने कहा कि अभिभाषण पर बोलने के लिए उनका नाम पांचवें नम्बर पर पुकारा गया और अब वो एक नम्बर पर आने की कोशिश करेंगे।
उन्होंने कहा कि विधानसभा के बजट सत्र में किसी कम्पनी की एनुअल जनरल मीटिंग की तरह मिलते हैं और बजट हो या अभिभाषण जो ब्यूरोक्रेसी ने दे दिया उसी रूप में पारित कर देते हैं।
अभिभाषण में लिखे गए नारे ‘आओ साथ चलें’ का सन्दर्भ बताते हुए तिवाड़ी ने कहा कि इस वाक्य से पहले लिखी ऋचा तो ऋग्वेद में है और वो संसार छोड़ चुकी पुण्यात्माओं के पास जाने के लिए इस्तेमाल की गई है इसलिए इसे सुधारा जाना चाहिए।
तिवाड़ी ने कांग्रेस पर भी जमकर मौखिक हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस से सरदार पटेल और महात्मा गांधी छिन गए हैं। इसलिए विपक्षी पार्टी विचलित है। उन्होंने कहा कि इन्दिरा गांधी की विरासत पर कांग्रेस अपना हक़ बताती है, लेकिन इन्दिरा की विरासत का जो बंटवारा हुआ उसमें मेनका गांधी, वरुण गांधी और बांग्लादेश विजय भाजपा के हिस्से आई हैं। जबकि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और आपातकाल कांग्रेस के हिस्से में गया है।
उन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की विचारधारा की भी पैरवी की। उन्होंने कहा कि किसी भी नियुक्ति पर कांग्रेस हल्ला मचाते हुए आरएसएस का आदमी होने की बात कहती है। वे चाहते हैं कि सभी जगह आरएसएस के लोगों को लगाया जाए। इस बयान पर सत्ताधारी पार्टी के कई विधायकों ने मेज थपथपाकर अपना समर्थन भी जताया।
उन्होंने सरकार से अपील करते हुए कहा कि सरकार को गायों की हत्या रोकने के साथ ही गौशालाओं को कम से कम 9 महीने का अनुदान देना पर भी ध्यान देना चाहिए। अपनी बात के समर्थन में तिवाड़ी ने सुराज संकल्प पत्र का हवाला भी दिया।
उन्होंने जयपुर में मेट्रो रेल के काम के दौरान मन्दिर हटाने को गलत बताया तो साथ ही गुजारिश भी की कि शिवरात्रि के दिन भक्तों को अभिषेक करने से नहीं रोका जाए। उन्होंने सरकार से वेद विद्यालयों पर ध्यान देने की बात भी कही।