जयपुर। राजस्थान विधानसभा में बुधवार को हुए हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित किए जाने पर भाजपा के वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने अपनी ही पार्टी पर आरोप लगाए हैं।
उन्होंने कहा कि सत्ताधारी दल ने विपक्ष के साथ मिलकर बुधवार की कार्यवाही को जानबूझकर स्थगित करवाया ताकि मुझे बोलने से रोका जा सके।
उन्होंने कहा कि मैंने मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष से कहा था कि राज्यपाल के अभिभाषण पर मुझे बोलने से रोका जा रहा है इसके बाद बुधवार के दिन स्पीकर ने उनके बोलने के लिए समय तय किया था लेकिन सत्ता पक्ष ने डर के मारे विपक्ष को अपने साथ मिलाया और अप्रत्याशित रूप से सदन की कार्यवाही जानबूझकर स्थगित करवा दिया।
तिवाड़ी से जब पूछा गया कि वो सदन में क्या बात रखने वाले थे तो उन्होंने कहा कि वह आज रानी पद्मिनी के बारे में सदन में बोलते की इस मामले में भंसाली से ज्यादा गलती प्रदेश सरकार की है।
सरकार के पर्यटन विभाग ने अपने ट्विटर अकांउट पर रानी पद्मिनी को खिलजी की प्रेमिका बताया था। वहीं प्रदेश में होने वाले तेजा जी के मेले में लगी घुड़दौड़ पर रोक हटाने के लिए भी सदन में बोलने वाले थे।
उन्होंने कहा कि जब जलीकट्टू पर रोक हट सकती है तो घुड़सवारी पर रोक का क्या मतलब है। तिवाड़ी ने कहा भ्रष्टाचार से लेकर हर मुद्दे पर वह आम आदमी के हितों की बात उठाते लेकिन ऐसा हो नहीं हो सका अब भी वह आगे अपनी बात रखने का प्रयास करेंगे।
सदन में बुधवार को जो कुछ भी हुआ उसे लेकर तिवाड़ी ने खुलकर अपने ही सरकार पर आरोप लगाए लेकिन संसदीय कार्यमंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने इस आरोप को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि तिवाड़ी तो भाजपा के ही विधायक है। उन्हें बोलने से सरकार क्यों रोकेगी।
उनका नाम बुधवार को था लेकिन सदन की कार्यवाही नहीं हुई। इसलिए वह नहीं बोल पाए। हालंकि उन्होंने यह भी कहा कि तिवाड़ी विधायक दल की बैठक में आते नहीं अगर वो विधायक दल की बैठक में आते तो शायद अपनी पीड़ा वह वहां रख पाते।