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घनश्याम तिवाड़ी ने रोहिताश्व शर्मा को भेजा लीगल नोटिस - Sabguru News
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घनश्याम तिवाड़ी ने रोहिताश्व शर्मा को भेजा लीगल नोटिस

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घनश्याम तिवाड़ी ने रोहिताश्व शर्मा को भेजा लीगल नोटिस
BJP MLA Ghanshyam Tiwari sent legal notice to former minister Rohitash Sharma
BJP MLA Ghanshyam Tiwari sent  legal notice to former minister Rohitash Sharma
BJP MLA Ghanshyam Tiwari sent legal notice to former minister Rohitash Sharma

जयपुर। दीनदयाल वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष और सांगानेर विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने रोहिताश्व शर्मा को उनके द्वारा लगाए गए आरोपों के लिए कानूनी नोटिस भेज कर अपने बयानों का खंडन करने तथा माफ़ी माँगने के लिए कहा है।

ऐसा न करने पर शर्मा के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई किए जाने की चेतावनी भी दी है। नोटिस में तिवाड़ी के वक़ील ने कहा है कि विभिन्न समाचारपत्रों द्वारा 4 जून को की गई प्रेस कॉन्फ़्रेन्स में तिवाड़ी के विरुद्ध लगाए गए आरोपों के बाद अगले दिन 5 जून को विभिन्न समाचार पत्रों में इस आशय की ख़बरें प्रकाशित हुई। अख़बारों में तिवाड़ी द्वारा दिया गया खंडन भी प्रकाशित किया गया।

कानूनी नोटिस में तिवाड़ी के वक़ील ने कहा है कि रोहिताश्व शर्मा द्वारा तिवाड़ी पर लगाए गए आरोप पूर्णतया ग़लत, भ्रामक, सारहीन, मिथ्या व आधारहीन है। शर्मा के ये आरोप तिवाड़ी की छवि को धूमिल किया जाने का कुत्सित प्रयास है। नोटिस में तिवाड़ी ने रोहिताश्व शर्मा से आगामी सात दिन में अपने आरोपों का खंडन प्रकाशित करवाने की मांग की है।

बयानों का खंडन न होने पर तिवाड़ी ने उनके ख़िलाफ़ आवश्यक क़ानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी है। कानूनी नोटिस में तिवाड़ी के अधिवक्ता ने कहा है कि रोहिताश्व शर्मा के आरोप न तो सदभावना से प्रेरित है न ही जनहित में है। साथ ही इन्हें बिना किसी आधार के प्रसारित किया गया है।

तिवाड़ी की ओर से अधिवक्ता सुरुचि कासलीवाल ने रोहिताश्व शर्मा को भेजे नोटिस में कहा है कि पूर्व में भी इसी प्रकार के अनर्गल आरोप एक अन्य व्यक्ति ने भी हमारे अभिभाष्य पर लगाए थे जिस पर माननीय न्यायालय ने लगाए गए आरोपों पर स्थगन आदेश प्रदान किया था जो वर्तमान में प्रभावी है, जिसकी जानकारी होने पर भी शर्मा ने पुनः उसी प्रकार के मनगढ़ंत आरोप लगाकर जानबूझकर माननीय न्यायालय की अवहेलना की है।

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि शर्मा ने जो बयान तिवाड़ी के ख़िलाफ़ जारी किया था वह भी तीन दिन पूर्व में दोनों मंत्रियों द्वारा दिए गए संयुक्त बयान की तरह तथ्यहीन है। इन दो मंत्रियों ने अपने आरोप में 800 बीघा ज़मीन का ज़िक्र किया था और शर्मा 450 बीघा ज़मीन की बात कर रहे हैं। पिछले 3 दिन में ही 350 बीघा ज़मीन ग़ायब हो गई है।

इन बेतुकी बातों से ही इनके बयानों का झूठ समझ में आ जाता है। जिन दस्तावेज़ों को बढ़ा-चढ़ा कर प्रस्तुत किया जा रहा है वे सभी पहले से ही पब्लिक डोमेन में हैं जिन्हें कोई भी प्राप्त कर सकता है।

रोहिताश्व शर्मा मोदी लहर में भी चुनाव हार गए थे। इसके बावजूद मुख्यमंत्री ने उन्हें अंतर्राज्यीय जल विवाद समझौता समिति का अध्यक्ष बना दिया। रोहिताश्व शर्मा अपने ऊपर मुख्यमंत्री के द्वारा किए गए उपकार का बदला चुकाने का कार्य कर रहे हैं और अगले चुनाव के लिए टिकिट की व्यवस्था कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री के मातहतों द्वारा एक के बाद एक दिए जा रहे इस प्रकार के झूठे और आधारहीन बयानों से स्पष्ट है कि तिवाड़ी के जनहित में उठाए गए मुद्दों से घबरा कर सरकार पूरी तरह से उनके ख़िलाफ़ षड्यंत्र रचने में लग गई है।

यह सरकार और मुख्यमंत्री प्रदेश की जनता की नज़र में अपनी सारी विश्वस्वनीयता खो चुकी है। तिवाड़ी नें कहा कि न्यायालय से पूर्व में भी उन्हें न्याय प्राप्त हुआ है और भविष्य में भी उन्हें न्यायालय से ही न्याय की उम्मीद है।

सीएम को 2000 करोड़ की सरकारी संपत्ति हड़पने नहीं दूंगा

तिवाडी ने कहा कि जयपुर में सिविल लाइंस स्थित 2000 करोड़ के सरकारी बंगले को मुख्यमंत्री आजीवन अपने क़ब्ज़े में रखना चाहती है। जबसे मैंने यह मुद्दा विधानसभा और जनता में उठाया है तबसे मुख्यमंत्री बौखलाई हुई है। इसी कारण दो हफ़्ते में ही अब तक सरकार के 8 लोग मेरे ख़िलाफ़ वक्तव्य जारी कर चुके हैं। ये सारे आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं।

चार साल पहले भी इसी प्रकार के आरोप एक अन्य व्यक्ति से लगवाए गए थे। इन आरोपों के ख़िलाफ़ मैं न्यायालय में गया। न्यायालय ने पूरे मामले की सुनवाई करके मेरे पक्ष में स्टे प्रदान किया।

सरकार के दो मंत्रियों को भी इसी प्रकार के बयान जारी करने के लिए मैं क़ानूनी नोटिस भेज चुका हूं। आगे भी अगर कोई इस प्रकार का काम करेगा तो उसके ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्यवाही करूंगा। विजय सदैव सत्य की ही होती है, असत्य की नहीं। मैं राजस्थान के हितों के लिए संघर्ष करता रहा हूँ और करता रहूंगा।