जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ विधायक और दीनदयाल वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी ने दण्ड विधियां ‘राजस्थान संशोधन’ विधेयक, 2017 को लेकर अपनी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
विधेयक संशोधन को अलोकतांत्रिक करार देते हुए उन्होंने कहा कि यह बिल आपातकाल की याद दिलाने वाला और नागरिकों के मूल अधिकारों का हनन करने वाला कानून है। यह कानून बेईमान नेताओं और अफसरों को बचाने का कानून है। इसे पास करना और आपातकाल लगाना एक ही बात है।
विधानसभा के बाहर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए भाजपा के वरिष्ठ विधायक ने स्पष्ट कहा कि मुख्यमंत्री और सीएमओ के कारण यह विधेयक पास किया जा रहा है। पिछले कुछ माह से इस विधेयक को पारित करने का प्रयास किया जा रहा था।
चार बार इस विधेयक के खिलाफ विधि विभाग ने अपनी राय दी थी। जिसके बाद ही मुख्यमंत्री ने विधि विभाग को अपने जिम्मे लेकर इस विधेयक को जारी किया। सांगानेर विधायक ने कहा कि राजस्थान हाई कोर्ट ने एक मंत्री के मामले में धारा 482 की एप्लीकेशन खारिज कर दिया था। जिसमें प्रदेश की मुख्यमंत्री राजे को भी अभियुक्त बनाया जाना है।
इस पूरे मामले को दबाने के लिए इस अध्यादेश लाया गया था। उन्होंने कहा कि इस बिल में पहली गलती है कि विधानसभा में नियम है जो भी बिल पेश किए जाए वे हिंदी में हों और उसका प्रमाणिक रूपांतरण अंग्रेजी में होना चाहिए।
लेकिन वर्तमान सरकार ने अन्य सभी को छोड़कर केवल ये दो बिल अंग्रेजी में दिए हैं और इसका प्रमाणिक रूपांतरण हिंदी में दिया है। ऐसा करना राजस्थान विधानसभा में तय नियमों के ठीक विपरित है। इससे ये साबित होता है कि ये बिल अंग्रेजीदां लोगों की पसंद है।
उन्होंने दूसरी गलती बताते हुए कहा कि इस बिल को पारित करवाने के लिए राष्ट्रपति की पूर्व अनुमति की आवश्यकता होती है। अनुमति मिलने के बाद भी उसे बिल में लिखने की आवश्यकता होती है मगर उन्होंने इसे बिल में नहीं लिखा।
तीसरी बड़ी गलती बताते हुए कहा कि एक ही कानून में जब संशोधन किया जाता है तब उसमें एक बिल के पास होकर राष्ट्रपति की स्वीकृति आने के बाद ही दूसरा बिल पास हो सकता है। तिवाड़ी ने कहा कि ये सरकार सीआरपीसी के दो विधेयकों को एक साथ पास कराना चाहती है, ये पूर्णत: असंवैधानिक है।
ऐसा राजस्थान क्या हिंदूस्तान की किसी भी विधानसभा नहीं हुआ। इस विषय पर विधानसभा में न बोलने देने के कारण तिवाड़ी ने रोष व्यक्त करते हुए दो बार वॉकआउट किया।
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