पटनां। बिहार में सासाराम लोकसभा सीट से भाजपा सांसद छेदी पासवान की संसद सदस्यता को पटना उच्च न्यायालय ने रद्द कर छभ् है। सांसद पर नामांकन के दौरान आपराधिक मामलों को छुपाने का आरोप लगा है।
हाइकोर्ट में न्यायाधीश केके मंडल की एकल बेंच ने यह फैसला सुनाया है। इस मामले में गंगा मिश्रा ने याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान छेदी ने नामांकन के दौरान आपराधिक मामलों की जानकारी नहीं दी थी।
इसी के आधार पर कोर्ट ने सदस्यता रद्द करने का निर्देश दिया है। कांग्रेस के मीरा कुमार को हराकर छेदी पासवान सासाराम से सांसद चुने गए थे।
अपने खिलाफ दर्ज हुए केस की जानकारी चुनाव के दौरान शपथ पत्र में नहीं देने पर रद्द हुई सदस्यता के बाद सांसद छेदी पासवान ने कहा कि उनपर आपराधिक नहीं जनहित के मामले में केस दर्ज हुआ था।
2006 में दुर्गावती परियोजना को लेकर मैं धरने पर बैठा था। इस मामले में केस दर्ज हुआ था। यह तो जनहित का मामला है। इसको अपराधिक मामला कैसे कहा जा सकता है। एक नेता जनहित के मामले में धरना प्रदर्शन नहीं करेगा तो क्या करेगा। उन्होंने कहा कि मैं हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं। इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाउंगा।
छेदी पासवान पहले राजद में थे। वह 2000 से 2004 के बीच बिहार सरकार में मंत्री थे। 2005 में छेदी ने पाला बदला और जदयू में आ गए और उन्हें नीतीश सरकार में 2008 से 2010 से बीच मंत्री बनाया गया।
2014 में लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद छेदी ने फिर से पाला बदला और भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा ने उन्हें टिकट देकर सासाराम से चुनाव लड़ाया। उन्होंने कांग्रेस की उम्मीदवार मीरा कुमार को हरा दिया था।