इलाहाबाद। भारतीय जनता पार्टी अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक इलाहाबाद में रविवार से शुरू हो गई। इस बैठक के जरिए पार्टी द्वारा शुरू किए गए ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ अभियान को और गति देने का प्रयास करेगी।
दरअसल इलाहाबाद शुरू से ही कांग्रेस का मजबूत गढ़ रहा है इसलिए भाजपा ने पार्टी में विभिन्न स्तरों पर गम्भीर विचार विमर्श के बाद कांग्रेस के किले में अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक करने की ठानी है।
इलाहाबाद आजादी के आंदोलन के दौर से ही सांस्कृतिक और राजनीतिक चेतना का केंद्र रहा है। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म इलाहाबाद की धरती पर ही हुआ था। नेहरू जी इसी जिले की फूलपुर लोकसभा क्षेत्र का संसद में प्रतिनिधित्व करते थे।
फूलपुर के मौजूदा सांसद केशव प्रसाद मौर्य पहली बार यहां से लोकसभा में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। पिछडी जाति से ताल्लुक रखने वाले केशव प्रसाद मौर्य का कुछ सालों में इलाके में वोटरों पर बढ़ते प्रभाव को देखकर कांग्रेस में खलबली मचना स्वाभाविक था। इसके अलावा भाजपा के ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ नारे ने कांग्रेस की बेचैनी और बढ़ा दी।
नतीजतन, कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पिछले दो महीने के दौरान तीन बार और प्रियंका गांधी ने दो बार इलाहाबाद का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने यहां के उन पुराने और समर्पित कांग्रेसी कार्यकर्ताओं से व्यक्तिगत तौर पर गोपनीय मुलाकातें कीं जिनमें दो दर्जन से अधिक ऐसे परिवार भी थे जिनका किसी ना किसी रूप में नेहरू गांधी परिवार से सीधा जुड़ाव रहा है।
इनमें से कई परिवार ऐसे थे जिनके परिजन कभी मोतीलाल नेहरू और जवाहरलाल नेहरू के यहां कामकाज किया करते थे। सोनिया और प्रियंका ने इन परम्परागत कांग्रेसी विचारधारा के परिवारों के लोगों से सीधा संवाद किया और उन्हें यह समझाने का प्रयास किया कि भाजपा ने किस तरह देश से कांग्रेस को ख़त्म करने की मुहिम छेड़ रखी है। लिहाजा अब कांग्रेस को बचाने के लिए सभी को संयुक्त प्रयास करने की जरूरत है।
सूत्रों का कहना है कि सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी के इन दौरों और गोपनीय रणनीति के बारे में जब केशव प्रसाद मौर्य को पता चला तो उन्होंने इस बाबत भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से विस्तृत बातचीत की।
अमित शाह ने इस पूरे मामले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष रखा और इसे ‘काउंटर’ करने की रणनीति बनी। इसके तहत जहाँ केशव प्रसाद मौर्य को उत्तर प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष पद देकर उनका कद बढ़ाया गया, वहीँ उनके आग्रह पर पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक इलाहाबाद में कराने का निर्णय किया गया।
ताकि सरकार और भाजपा के तमाम बड़े नेता यहां कार्यसमिति में आएं और उस दौरान शहर में बैनर-पोस्टर लगाकर भाजपा की ताकत और प्रचार तंत्र का अहसास लोगों को कराया जा सके।
रविवार से शुरू हुई भाजपा कार्य समिति की दो दिवसीय बैठक में भाजपा ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ अभियान के कार्यान्वयन की आक्रामक रणनीति तैयार तैयार है, क्योंकि छह महीने बाद उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होंगे। इस बैठक के बहाने यहां पर भाजपा अपने शक्ति प्रदर्शन के जरिये उत्तर प्रदेश में पिछड़ों के नेता के रूप में केशव प्रसाद मौर्य को भी स्थापित करेगी।