इलाहाबाद। भाजपा की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सोमवार को यहां इस संकल्प के साथ समापन हो गया कि वर्तमान से प्रेरणा लेकर भविष्य में पार्टी का विस्तार किया जाए। अपने समापन भाषण में प्रधानमंत्री ने पार्टी कार्यकर्ताओं के आचरण और नीतियों की दृष्टि से 7 बिंदुओं को महत्वपूर्ण बताया।
ये 7 बिंदु हैं- सेवा भाव, संतुलन, संयम, समन्वय, सकारात्मकता, सद्भावना और संवाद। उन्होंने कहा कि पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में इन सात मन्त्रों का असर दिखना चाहिए। देश का जन-मानस केवल नारों से ज्यादा समय तक संतुष्ट नहीं रहता है।
प्रधानमंत्री का कहना था कि हम एक इतिहास को देख रहे हैं। करोड़ों लोगों ने देश के लिए जो मेहनत की, उसका लाभ आज हमें मिल रहा है। केंद्र और राज्यों में अब हमें (भाजपा को) समाजोपयोगी दृष्टि से अपने को साबित करना है। उन्होंने इस सम्बन्ध में सरकार की विभिन्न योजनाओं का जिक्र भी किया।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश का जनमानस केवल नारों से संतुष्ट नहीं रहता। इसलिए उसे संतुष्ट करने की चिंता होनी चाहिए। देश में औद्योगिक विकास के कई अवसर गवां देने के बाद एक बार फिर ये मौका भारत को मिला है। इसका उपयोग करके आने वाले समय में 21वीं सदी के भारत की ताकत बढ़ानी है। उन्होंने कहा कि पार्टी की राजनीतिक ताकत बढ़ी है, जिसका उपयोग हम समाज के लिए करेंगे।
दो दिन चली कार्यकारिणी की बैठक में उत्तर प्रदेश के 2017 के विधानसभा चुनाव को केंद्र में रखकर, अन्य राज्यों में जहां अगले साल चुनाव होंगे, वहां पार्टी के विस्तार की आक्रामक रणनीति बनाने का निर्णय किया गया। उत्तर प्रदेश में कैराना और मथुरा की घटनाओं को लेकर पार्टी बहुत सतर्क है। राम मंदिर के मुद्दे को आस्था का मुद्दा बताकर उस पर चुप रहना ही पार्टी की रणनीति का हिस्सा रहा। उप्र में सपा और कांग्रेस के साथ ही बसपा पर भी पार्टी हमलावर रुख अख्तियार करेगी।
2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी जिस तरह से पूर्ण बहुमत लेकर सत्ता में आई और बाद के चुनावों में उसका दूसरे राज्यों में विस्तार हुआ, खासकर असम में सरकार बनी, उससे पार्टी का मनोबल काफी ऊंचा है। दो साल पहले तक जो विपक्षी दल संख्या बल में ताकतवर थे, वे इस दौरान धीरे-धीरे बिखरकर क्षीण हो गए। हाल के राज्यसभा के चुनावों में भी भाजपा को अच्छी सफलता मिली है।
भाजपा के लिए यह सुखद और ऐतिहासिक अवसर है। दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि देश और विदेश में निखरी है। उनकी अगुवाई में भारत की ताकत वैश्विक मंचो पर बढ़ी है। जो लोग दो साल पहले भारत की अर्थव्यवस्था को लकवाग्रस्त करार दे रहे थे, अब वही इसकी मुक्त कंठ से तारीफ़ करते हैं।
केंद्रीय वित्त तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री अरुण जेटली ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि इस बैठक का मूल उद्देश्य मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों का विश्लेषण करना और पार्टी को आगे बढ़ाना है। बैठक में हर जिले में पार्टी के दफ्तर, खोलने और उन्हें परस्पर कनेक्टेड रखने तथा कार्यकर्ताओं की समुचित सूची तैयार करने का निर्णय किया गया। केरल, पश्चिम बंगाल, ओडिसा, तेलंगाना, आंध्रा प्रदेश और तमिलनाडु समेत कुल सात राज्यों में पार्टी के मजबूत करने के लिए खास प्रयास किये जायेंगे।