सबगुरु न्यूज-सिरोही। देवस्थान राज्यमंत्री और सिरोही के विधायक ओटाराम देवासी को भाजपा सिरोही नगर मंडल के महामंत्री ने चेतावनी दे डाली। उनका आक्रोश कथित रूप से सिरोही नगर परिषद के आयुक्त प्रहलादसहाय वर्मा के उस कथन पर था जिसमें उन्होंने कथित रूप से भाजपा और उनकी पार्टी के पदाधिकारियों को सीधे तौर पर चुनौती दी थी।
यह बात फैलने पर नगर परिषद में भाजपा के सभी पार्षद और नगर मंडल के पदाधिकारी सर्किट हाउस में मंत्री ओटाराम देवासी से मिले और आयुक्त को हटाने की मांग करते हुए, चेतावनी दी कि यदि आयुक्त को यहां से नहीं भेजा तो वह कोई दूसरा रास्ता अपनाएंगे।
इस दौरान जिलाध्यक्ष लुम्बाराम चैधरी, जिला मंत्री अशोक पुरोहित, नगर परिषद उपाध्यक्ष धनपतसिंह, शंकरसिंह परिहार, प्रवीण राठौड, जीतू खत्री, हेमंत पुरोहित, शैतान खरोर, लोकेश खंडेलवाल आदि मौजूद थे।
-रात को ही जारी हो गया था फतवा
दरअसल, सिरोही नगर परिषद में मंगलवार को भाजपा पदाधिकारी सुरेश सगरवंशी और् नितिन रावल ने आयुक्त से हाल ही में निकाले गए करीब 1 करोड 18 लाख रुपये के ठेकों के टेंडर के बारे में जानकारी मांगी। मंत्री को दी गई जानकारी के अनुसार कुछ देर बाद इसी मुद्दे पर आयुक्त रावल पर भडक गए।
उन्होंने कथित रूप से रावल को यह तक कह दिया कि तू और तेरा संगठन मेरा कुछ नहीं कर सकता ट्रांसफर को छोडकर। यह बात फैली तो रात को ही सिरोही नगर मंडल महामंत्री शंकरसिंह और महिपाल चारण ने भाजपा के व्हाट्स एप समुह पर बुधवार सवेरे साढे आठ बजे मंत्री ओटाराम देवासी और जिलाध्यक्ष लुम्बाराम चैधरी की मौजूदगी में नगर परिषद में टेंडर संबंधी गडबडी को लेकर बैठक आयोजित किए जाने का संदेश प्रसारित किया।
सूचना के अनुसार बुधवार को सवेरे साढे आठ बजे डाक बंगले में बैठक तो हुई, लेकिन योग दिवस के कार्यक्रम के कारण मंत्री बैठक में नहीं पहुंच पाए। इस पर बैठक में आयुक्त के व्यवहार के प्रति जबरदस्त रोष जताया गया। बाद में मंत्री ओटाराम देवासी के सर्किट हाउस में आने पर सभी उनसे मिलने पहुंचे।
वहां पर भाजपा पार्षदों ने कहा कि नगर परिषद में हिटलरशाही चल रही है। आयुक्त प्रहलादसहाय वर्मा पार्षदों के साथ दुव्र्यवहार कर रहे हैं। एक ज्ञापन दिया गया जिसमें आयुक्त और नगर परिषद के अधिशासी अधिकारी के खिलाफ अनियमित तरीके से काम करने की शिकायत की गई। इसी दौरान भाजपा पार्षद शंकरसिंह परिहार ने ओटाराम देवासी को आयुक्त को नहीं हटाने पर कुछ दूसरा उपाय किए जाने की विनम्र चेतावनी भी दे डाली।
-सभापति की गैर मौजूदगी खली
संगठन के नेता से अभद्र व्यवहार का मामला और भाजपा के सभी पार्षदों के इस पर खफा होकर मंत्री से मिलने के बावजूद इस महत्वपूर्ण बैठक में सिरोही सभापति ताराराम माली की गैर मौजूदगी पर भी सवाल खडे करते नजर आए। जिन टेंडर्स को लेकर भाजपा संगठन और पार्षद अनियमितता का आरोप लगा रहे हैं वह नियममानुसार सभापति की सहमति के बिना तो निकले नहीं जा सकतेे, तो क्या ऐसे में आयुक्त के बहाने सभापति पर भी यह निशाना था।
यदि सभापति की इसमें सहमति नहीं थी तब तो अवश्य ही उन्हें इस मामले में अपने पार्षदों और संगठन के सदस्यों के साथ खडे होकर विरोध जताना चाहिए। सूत्रो के अनुसार वैसे बाद में पार्षदों ने मंत्री ने अलग से भी मुलाकात की और नगर परिषद में चल रही मनमानी पर जबरदस्त रोष जताया और इस दौरान कुछ पार्षदों ने सभापति भूमिका पर भी दुख जताया। जबकि योग दिवस के कार्यक्रम मे वो मौजूद थे।
-तो फिर कौन लाया आयुक्त को
चर्चा के दौरान आयुक्त के द्वारा सिरोही नगर परिषद में की गई कई कथित अनियमितताओं की शिकायतें की। इस पर मंत्री ने कहा कि वह तो पहले ही इस आयुक्त को यहां लाने का विरोध जता रहे थे। यही स्थिति अधिशासी अभियंता को लेकर भी थी। उन्होंने कहा फिर यह कैसे आ गए यह पता नहीं। ऐसे में यह सवाल भी वाजिब है कि आखिर विधायक और मंत्री वर्तमान आयुक्त और अधिशासी अधिकारी को सिरोही में नहीं लाए हैं तो फिर कौन लाया है। वैसे मंत्री ओटाराम देवासी ने 26 जून तक नगर परिषद आयुक्त के स्थानांतरण का आश्वासन दिया है।
—वीडियो में सुनिये क्या कहा महामंत्री ने मंत्री ओटाराम देवासी से…