सबगुरु न्यूज-सिरोही। राजकीय महाविद्यालय के छात्रसंघ चुनावों में एबीवीपी समर्थित जिग्नाशा रावल की हार के बाद दूसरे दिन मंगलवार को भी सिरोही विधायक और गोपालन राज्यमंत्री ओटाराम देवासी अपनी ही पार्टी के पदाधिकारियों के निशाने पर आ गए हैं। भाजपा सोशल मीडिया प्रभारी हरीश दवे ने तो मंगलवार को सीधे ही मंत्री पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह एबीवीपी समर्थित छात्रा के समक्ष खडे निर्दलीय से समझाइश कर सकते थे। उल्लेखनीय है कि सोमवार को चुनाव परिणाम आने के बाद मंत्री देवासी का पुतला भी फूंका गया था।
दवे ने सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि जहां प्रधानमंत्री जातिवाद, भ्रष्टाचार के खातमें में लगे हुए हैं, वही सिरोही जिले में राज्य के गोपालन राज्यमंत्री ओटाराम देवासी तथा जिले के अन्य नेता जनहित और विकास कार्यो को तिलांजली देकर सत्ता लोलुपता में जातिवाद की राजनीति का जहर समाज में बिखेर रहे है। उन्होंने चेतावनी दी कि सत्ता मद में मस्त जनप्रतिनिधियों ने जन भावनाओ का मखौल उडाया तो उसके दूरगामी परिणाम आगामी चुनावो में भुगतने को तैयार रहे।
दवे ने कहा कि अभाविप ने चुनावों में टिकट वितरण किये व बागी व अनुशासनहीनता बरतने वाले कार्यकर्ताओं को निष्कासित किया जाना दुर्भाग्य पूर्ण था। दवे ने कहा कि जिग्नाशा रावल को एबीवीपी के समर्थन की घोषणा के बाद मंत्री ओटाराम देवासी व भाजपा के नेता तीनों बागियों से समझाइश कर सकते थे।
दवे ने कहा कि तिरंगा यात्रा के दिन देवस्थान राज्यमंत्री ने अभाविप समर्थित प्रत्याशी जिग्नाशा रावल को सभापति ताराराम माली, मण्डल अध्यक्ष सुरेश सगरवंषी, समाजसेवी रघुभाई माली व जिला उपप्रमुख कानाराम चैधरी की उपस्थिति में विजयश्री का आशीर्वाद दिया, लेकिन छात्र संघ कार्यालय के उद्घाटन में वो नही पहुंचे।
दवे ने कहा कि सिरोही की जनता ने ओटाराम देवासी को दो मर्तबा सिरोही से विधायक बनाया जिसमें उन्हे सिर्फ देवासी व पिछडी जातियो के ही वोट नही सामान्य दलित वर्ग 36 कौम के वोट मिले थे, लेकिन भविष्य की राजनीति के लिए जो जातिवाद का जहर बांट जा रहा है वह घातक है।
दवे ने कहा कि जनप्रतिनिधियो को चाहिये कि वो जातिवाद की राजनीति छोड नगर में कालकाजी के प्रदूषित पानी के वितरण को रुकवाने, नगर परिषद क्षेत्र की टूटी सडकों-नालियो की मरम्मत, राजकीय अस्पताल के हालत एवं अनेक जनकल्याणकारी सरकारी योजनाओं को लागू कर जनता को लाभ पहुंचाए।
उन्होंने प्रेस नोट में बोर्ड की बैठक अपने ही सभापति के खिलाफ भाजपा के पार्षदों के जिला कलेक्टर के पास ज्ञापन देने पहुंचने की संगठन और सत्ता से जुडी समस्याओं के निराकरण करने की अपील की। दवे ने चेतावनी दी कि अगर यही हालत रहे तो सिरेाही की शांतिप्रिय जनता व भाजपा समर्थको की नाराजगी को झेलने के लिए जनप्रतिनिधि तैयार रहंे।
इधर, इस मामले में ओटाराम देवासी समेत भाजपा के अन्य नेताओं के नामों पर चर्चा आने के बाद सोशल मीडिया पर भी इसकी बहस तेज हो गई है। सुरेश देवासी का समर्थन करने वाले राजकीय महाविद्यालय के निवर्तमान अध्यक्ष गोपाल माली ने व्हाट्स एप समुह पर बयान जारी कर कहा कि महाविद्यालय के चुनावों में पार्टी के किसी बाहरी नेता व पदाधिकारी ने कोई सहयोग नहीं किया। यह चुनाव पूरी तरह से छात्रों पर केन्द्रित था और युवाओं ने अपनी मेहनत से यह चुनाव जीता है।
इसी चर्चा मे कूदते हुए नारायण देवासी ने पूछा कि किस व्यक्ति ने एबीवीपी के संगठन मंत्री मांगीलाल चौधरी को सुरेश देवासी को टिकिट देने के लिए सर्किट हाउस से किसने फोन करवाया। देवासी ने लिखा कि भोपाजी सब जानते है कि किस किस ने उनका उपयोग किया। बस उनकी एक गलती है कि एबीवीपी कार्यालय उद्घाटन पर वे आते तो उस जिग्नाशा बिटिया को आशीर्वाद मिलता।