नई दिल्ली। भाजपा ने देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के चुनावी समर में जिताऊ उम्मीदवारों को ही मैदान में उतारने का भरसक प्रयास किया है। ये दीगर बात है कि इनमें दूसरे दलों से आए (बाहरी) नेताओं की पौ-बारह हो गई।
पार्टी ने पहले और दूसरे चरण के मतदान के लिए सूबे की 149 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। भाजपा प्रत्याशियों की पहली सूची में ज्यादातर बाहरियों पर दांव लगाया गया है। इससे पार्टी में असंतोष उभरने की आशंका बढ़ गई है। सूची में संघ की जमीनी रिपोर्ट और सिफारिश का भी पूरा ख्याल रखा गया है।
गौर करें तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में तो सात में चार सीट पर बाहरी ही टिकट पा गए। इस सूची ने लोगों को चौंका दिया। कई के यहां दीपावली मनी तो कई के यहां मायूसी छा गई। सत्ता की दौड़ में भाजपा के निष्ठावानों पर बाहरी बाजी मारने में कामयाब दिखे।
हालांकि पहले और दूसरे फेज की कुछ सीटों पर मंगलवार को मंथन के बाद नाम का ऐलान संभव हैं, लेकिन मंगलवार को बची सीटों पर नाम तय करने में हाईकमान को पसीने आने वाला माहौल बन सकता है।
भाजपा से टिकट पाने वाले बाहरियों पर नजर दौड़ाएं तो सहारनपुर में बेहट सीट पर महावीर राणा टिकट पा गए। वह बसपा से भाजपा में आए थे और मौजूदा समय विधायक हैं। नकुड़ से धर्म सिंह सैनी भी बसपा से आकर प्रत्याशी बन गए। इसी तरह गंगोह से कांग्रेस से आए विधायक प्रदीप चौधरी टिकट झटकने में कामयाब रहे।
सहारनपुर देहात से मनोज चौधरी भी बसपा से हाल ही में आए थे। वह देवबंद से विधायक थे। बुलंदशहर में शिकारपुर से पूर्व विधायक अनिल शर्मा को मैदान में उतारा है। अनिल बसपा से विधायक रह चुके हैं। वह कुछ दिन पहले ही भाजपा में आए थे। उस समय उनका भाजपा में जबरदस्त विरोध हुआ था।
बागपत सीट से योगेश धामा को भाजपा ने उतारा है। योगेश लंबे समय से जिला पंचायत की राजनीति करते हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुके हैं। एक माह पहले ही उन्होंने भगवा चोला पहना था।
बिजनौर की नगीना सीट से ओमवती भाजपा की प्रत्याशी बनी हैं। वह पहले कांग्रेस में रह चुकी हैं। फिर बसपा में और बाद में सपा में। वह नगीना से विधायक रहीं। मंत्री भी बनीं। 2014 के लोकसभा चुनाव में वह भाजपा में शामिल हो गई थीं। अब उनको विधानसभा चुनाव में उतारा गया है।
कई अन्य जगह भी निष्ठावान से ज्यादा हाल ही में भाजपा में शामिल हुए लोगों को टिकट देना भाजपा ने मुनासिब समझा। मेरठ में सिवालखास सीट से दावेदारों की लंबी सूची थी, लेकिन भाजपा ने संघ से जुड़े एक कॉलेज के प्रधानाचार्य जितेंद्र सतवाई को टिकट दिया। उनकी पैरवी संघ कर रहा था। बाकी सभी को मायूसी मिली।
इसी तरह सहारनपुर की देवबंद सीट से कुंवर ब्रजेश सिंह पर भरोसा जताया गया। वह भी संघ से जुड़े हैं। वहां भाजपा से 19 लोग टिकट मांग रहे थे। खुर्जा सीट से बिजेंद्र खटीक प्रत्याशी बनाए गए हैं। यह भी संघ से जुड़े हैं।