मुंबई। विदर्भ क्षेत्र में पिछले दो दिन में आठ किसानों की आत्महत्या से संबंधित खबरें आने के बाद शिवसेना ने राज्य सरकार की आलोचना की है। पार्टी ने कहा कि राज्य में सरकार बदल गई है, लेकिन किसानों की दुर्दशा बरकरार है।
बीजेपी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर हमला करते हुए शिवसेना ने कहा कि “विदर्भ के सपूत” देवेंद्र फड़णवीस के मुख्यमंत्री बन जाने के बावजूद किसानों की आत्महत्या का सिलसिला रूकने का नाम नहीं ले रहा।
पार्टी ने अपने “मुखपत्र” सामना के संपादकीय में लिखा कि वह (फड़णवीस) महाराष्ट्र में निवेशकों को खींचने के लिए दावोस में रेड कार्पेट बिछा रहे हैं, जबकि किसान यहां अभी भी आत्महत्या कर रहे हैं। नई सरकार से किसानों को किसी भी प्रकार की राहत मिलना झूठा साबित हुआ है। कृषि ऋण के भार से बचने के लिए किसान जहर खा रहे हैं। चुनाव के दौरान किसानों को अच्छे दिनों का वादा किया गया, लेकिन इसके बाद कुछ नहीं हुआ।
संपादकीय में कहा गया है कि राज्य के किसानों की सम्मानजनक जिंदगी सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी किसकी है? अगर कोई यह दावा करता है कि विदर्भ को महाराष्ट्र से अलग करने पर सभी समस्या का समाधान हो जाएगा, वे लोगों को बरगला रहे हैं।
शिवसेना ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार (कांग्रेस-राष्टवादी कांग्रेस पार्टी) ने किसानों के साथ न्याय नहीं किया, जिस वजह से उन्होंने भाजपा को वोट दिया, लेकिन स्थिति अब भी नहीं सुधरी है।
इसने कहा कि गैर सरकारी संस्था विदर्भ जन आंदोलन समिति के अध्यक्ष किशोर तिवारी जैसे लोग राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन इसे क्या हासिल होगा? सरकार किसानों के मामले में कछुए से भी धीमी रफ्तार से चल रही है।