लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली प्रचण्ड जीत को वोटिंग मशीनों के जरिए मैनेज जीत करार दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने बीते लोकसभा चुनाव की तरह इस बार भी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में वोटिंग मशीन को मैनेज किया।
परिणामों से ऐसा लगता है कि वोटिंग मशीन में भाजपा के सिवास किसी दूसरी पार्टी के वोट को स्वीकार ही नहीं किया गया है। मायावती ने कहा कि यह तो बेहद हैरत करने वाला है कि भाजपा ने एक भी मुसलमान कैंडीडेट खड़ा नहीं किया और मुस्लिम बाहुलय क्षेत्र में भी उसको बम्पर वाट मिले हैं।
उन्होंने कहा कि यूपी में मुस्लिम समुदाय का 18 से 20 प्रतिशत वोट है। भाजपा ने एक भी टिकट मुस्लिम समाज के प्रत्याशी को नहीं दिया। सन 2014 लोकसभा चुनाव में भी इसी प्रकार की आशंका जताई गई थी। जब भाजपा को 73 सीटे मिली थी।
उन्होंने कहा कि बटन कोई भी दबाया जाए वोट भाजपा के खाते में ही गया। महाराष्ट्र के महानगर पालिका चुनाव में भी ऐसी ही स्थिति थी। यूपी और उत्तराखण्ड के चौंकाने वाले नतीजे किसी के गले से नहीं उतर रहे हैं।
बसपा सुप्रीमो ने यहां प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि 6 मार्च 2017 को सातवें और अंतिम चरण के मतदान के एक दिन पहले इसी तरह का सवाल एक पत्रकार ने मुझसे पूछा था, जिसमें उसने कहा था कि पार्टी का वोट कमल पर जा रहा है। मायावती ने कहा कि तब मैने अनसुनकी कर दी थी, लेकिन वह पत्रकार सही बोल रहा था।
उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा कि आप लोग इस बात के गवाह हैं। वर्ष 2014 लोकसभा और वर्तमान में उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड के परिणामों को देखकर यह मामला इतना ज्यादा गंभीर हो गया है कि अब खामोश रहना लोकतंत्र के लिए सही नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं खुली चुनौती दे रहीं हूं। आज भाजपा ने गड़बड़ी करके लोकतंत्र की की हत्या कर दी है।
बसपा सुप्रीमों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह को मैं खुली चुनौती दे रही हूं कि वोटिंग मशीन से चुनाव रद्द कराकर पुरानी व्यवस्था बैलेट पेपर से करायें। उन्होंने कहा कि मैने चुनाव आयोग को इस संबंध में पत्र लिखा है। अगर उनमें थोड़ी सी भी ईमानदारी है, तो यह प्रक्रिया अपनाए।