मुंबई। महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच सीटों के बंटवारे और मुख्यमंत्री की उम्मीदवारी को लेकर जारी गतिरोध के मद्देनजर गठबंधन अब टूटने के कगार पर पहुंच चुका है। 15 अक्टूबर को होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में भाजपा ने मैदान में अकेले ही उतरने का संकेत दिया है।…
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने जहां पार्टी कार्यकर्ताओं को गठबंधन जारी रखने के संकेत दिए हैं, वहीं पार्टी के प्रवक्ता राजीव प्रताप रूड़ी ने कहा है कि वर्षो पुराने गठबंधन को वे तोड़ना नहीं चाहते, लेकिन अगर शिवसेना मामले को नहीं सुलझाती तो पार्टी राज्य में अकेले ही चुनाव लडेगी।
शाह ने सोमवार को ट्वीट किया कि मैं पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं से अपील करता हूं कि वे महाराष्ट्र चुनाव में खुद को समर्पित करें। शाह का यह ट्वीट ऎसे समय में आया है, जब भाजपा और शिवसेना दोनों ही पार्टियां सीटों के बंटवारे और मुख्यमंत्री की उम्मीदवारी के अपने-अपने रूख पर कायम हैं।
वहीं, राज्य के वरिष्ठ नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व से गठबंधन को टूटने से बचाने के लिए एक आखिरी प्रयास करने का आग्रह किया है। नई दिल्ली के भाजपा सूत्रों ने दावा किया है कि गठबंधन बचाने के लिए शाह ने उद्धव ठाकरे को नया प्रस्ताव पेश किया है। हालांकि भाजपा और शिवसेना के विश्वस्त सूत्रों ने शाह द्वारा उद्धव को किसी तरह का प्रस्ताव दिए जाने से इनकार किया है।
राज्य में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र फड़नवीस ने भी कहा है कि अब दोनों पार्टियों के बीच कोई बातचीत नहीं होनी है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर हम शिवसेना से कोई बातचीत नहीं करने जा रहे।
फड़नवीस ने उन अफवाहों पर भी विराम लगाया, जिसमें कहा गया था कि महाराष्ट्र में भाजपा इंचार्ज ओपी माथुर शिवसेना प्रमुख के साथ बैठक करेंगे। उन्होंने कहा कि इस मामले की कोई आधिकारिक सूचना नहीं है।
वहीं नई दिल्ली में रूड़ी ने इस बात को स्पष्ट किया कि भाजपा के पास चुनाव से पहले या चुनाव के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) सहित किसी भी अन्य पार्टी के साथ भागीदारी का कोई प्रस्ताव नहीं है।
इसी बीच शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने इस बात को दोहराया कि राज्य में अगला मुख्यमंत्री उनकी पार्टी से ही होगा। भाजपा और शिवसेना के बीच गतिरोध से झल्लाए गठबंधन में शामिल राष्ट्रीय समाज पक्ष (आरएसपी) प्रमुख महादेव जानकार ने मीडियाकर्मियों से कहा कि यदि गठबंधन टूटता है, तो उनकी पार्टी 125 सीटों पर स्वतंत्र रूप से लडेगी।
उसी प्रकार राजू शेट्टी के नेतृत्व वाले स्वाभिमान संगठन के भी अकेले ही चुनाव लड़ने की संभावना है और वह इसके लिए 75 उम्मीदवारों को मैदान में उतारने पर विचार कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि 288 सीटों वाले राज्य विधानसभा में शिवसेना ने खुद के लिए 151 सीटें, जबकि भाजपा को 119 और गठबंधन के बाकी दलों के लिए 18 सीटों का फार्मूला पेश किया है।