सबगुरु न्यूज-नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने एक महत्वपूर्ण फैसला करते हुए मनोज तिवारी को सतीश उपाध्याय की जगह भाजपा दिल्ली का अध्यक्ष बनाया है, वहीं मंगल पांडे की जगह नित्यानंद राय का बिहार बीजेपी का अध्यक्ष घोषित किया है। दरअसल भाजपा के इस निर्णय को उत्तर प्रदेश चुनावों से जोडकर देखा जाना अतिशयोक्ति नहीं होगा।
भाजपा की ओर से इन निर्णय की घोषणा के बाद तिवारी और राय समर्थकों में हर्ष का महौल है। दरअसल इस दांव को उत्तर प्रदेश चुनाव दे जोडकर देखा जा रहा है। उत्तर प्रदेश में लखनउ का सिंहासन पर काबिज होने के लिए पूर्वांचल की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ठीक वैसे ही जैसे दिल्ली की गद्दी के लिए लखनउ कर दबदबा आवश्यक होता है। दिल्ली ने बिहार और दिल्ली के अध्यक्षों को बदलकर पूर्वांचल को ही साधने की कोशिश की है।
दरअसल, मनोज तिवारी भोजपुरी सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता और गायक हैं, इसके अलावा वह ब्राह्मण भी हैं। तिवारी को भाजपा दिल्ली का अध्यक्ष बनाकर पूर्वांचल के ब्राहमण वोटबैंक में सेंधमारी करने की कांग्रेस की कोशिश को भाजपा ने एक कदम आगे बढकर जवाब देने का प्रयास किया है।
तिवारी के स्टारडम के साथ उनके ब्राहमण होने के कारण ब्राहमणों के साथ अन्य जातियों में भी भाजपा की सेंधमारी का रास्ता प्रश्स्त होने की संभावनाएं देखी जा रही हैं।
इधर, बिहार के अध्यक्ष नित्यानंद राय भूमिहार जाति से ंसबंध रखते हैं। उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में बनारस, गाजीपुर, बलिया जिलों में भूमिहारों की आबादी भी काफी है। इस तरह बिना उत्तर प्रदेश के नेतृत्व में परिवर्तन किए हुए भाजपा ने बिहार और दिल्ली के रास्ते उत्तर प्रदेश को साधने की कोशिश की है।
भाजपा उत्तर प्रदेश चुनावों में बढत बनाने के लिए अब पश्चिमांचल और बुंदेलखण्ड पर अपना दांव खेल सकती है। ऐसे में इन क्षेत्रों के अन्य पिछडा वर्ग के नेता को वह उत्तर प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बना सकती है।
मनोज तिवारी उत्तरी दिल्ली से तो नित्यानंद राय बिहार के उजरियार से भाजपा के सांसद हैं।