वाराणसी। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री और बिहार में पार्टी के प्रदेश प्रभारी भूपेंद्र यादव का मानना है कि चुनाव बाद उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाने जा रही है।
वे दावा करते हैं कि जनता ने अब तक हुए पांच चरणों के मतदान में भाजपा की सरकार बनाने के लिए वोट दे दिया है। बाकी के दो चरणों में वह दो तिहाई बहुमत के लिए मतदान करेगी। पूर्वांचल में अंतिम दौर के दो चरणों के चुनाव को लेकर यादव आजकल वाराणसी में कैंप कर रहे हैं।
सवाल: भाजपा को पूर्वी उत्तर प्रदेश में कितनी सीटें मिलने की सम्भावना है?
जबाव: उप्र में अब तक पांच चरणों के मतदान में भाजपा को जनता ने बहुमत दे दिया है। प्रदेश में हमारी सरकार बनना सुनिश्चित हो गया है। शेष दो चरण के मतदान में जनता हमें दो तिहाई बहुमत देगी। पूर्वांचल की 89 सीटों में से हम करीब 55 सीटें जीतेंगे।
सवाल: पश्चिमी उप्र और पूर्वी उप्र के चुनावी समीकरण में आप क्या अंतर देखते हैं?
जवाब: कोई अंतर नहीं। पहले ही दिन से हमें जो बढ़त मिली है, वह अभी भी बरकरार है। पश्चिमी और पूर्वी क्या, पूरे प्रदेश में परिवर्तन की लहर है। समूचे उप्र की जनता सपा और बसपा से मुक्ति चाहती है।
सवाल: बिहार में आपको करारी हार मिली। यहां आप दो तिहाई बहुमत के साथ सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं। ऐसा कैसे सम्भव है?
जवाब: देखिये, हर प्रदेश की राजनीतिक और सामाजिक स्थिति अलग होती है। साथ ही हर प्रदेश के मुद्दे भी अलग होते हैं। उत्तर प्रदेश में सब कुछ भाजपा के पक्ष में चल रहा है। यहां की जनता सपा के कुशासन से परेशान है। इसलिए जनता ने स्वयं भाजपा की सरकार बनाने का निर्णय ले लिया है।
सवाल: क्या आपको लगता है कि उत्तर प्रदेश में मोदी की लहर अभी भी बरकरार है?
जवाब: देखिये, मोदी के प्रति जनता में विश्वास बढ़ा है। लोग जान रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी जो कुछ भी कर रहे हैं, वह देशहित में है। ऐसे में 2014 की तरह उप्र विधानसभा चुनाव में भी एकतरफा बयार चल रही है।
सवाल: ऐसे में क्या यह माना जाये कि भाजपा उत्तर प्रदेश में मात्र मोदी के सहारे चुनाव लड़ रही है?
जवाब: नहीं ऐसा नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति जनता में उपजे विश्वास का फायदा हमें मिल रहा है, यह सत्य है। लेकिन पार्टी संगठन ने पिछले एक साल से जो मेहनत की है, उसे भी हम नजरअंदाज नहीं कर सकते। दरअसल पार्टी ने यहां जो 17 हजार किलोमीटर की परिवर्तन यात्रा निकाली उससे भी जनता के बीच अच्छा संदेश गया, जिसका फायदा हमें चुनाव में मिल रहा है। साथ ही सपा सरकार के खिलाफ भी लोगों में आक्रोश है। जनता सपा के गुंडागर्दी और बसपा के भ्रष्टाचार से भी बिल्कुल ऊब चुकी है। ऐसे में वर्तमान विधानसभा चुनाव को जनता स्वयं भाजपा के पक्ष में लड़ रही है।
सवाल: विपक्षियों का आरोप है कि आप लोग ध्रुवीकरण की राजनीति कर रहे हैं, क्या यह सही है?
जवाब: देखिये भाजपा ध्रुवीकरण की राजनीति नहीं करती है। जो लोग आरोप लगा रहे हैं, वे ही ध्रुवीकरण की राजनीति करते हैं। तुष्टिकरण के माध्यम से वे लोग ध्रुवीकरण की सियासत करते हैं। भाजपा तो सबका साथ सबका विकास के सिद्धान्त में विश्वास करती है।
सवाल: महाराष्ट्र और उड़ीसा के निकाय चुनावों में मिली सफलता का भी फायदा क्या आपके दल को यहां मिलने जा रहा है?
जवाब: मिलेगा नहीं मिल रहा है। भाजपा इस समय पूरे देश में सर्वमान्य पार्टी है। नोटबंदी के बाद जहां भी चुनाव हो रहे हैं, भाजपा को बढ़त मिल रही है। इसका मतलब यह हुआ कि जनता ने नोटबंदी के निर्णय को स्वीकारा है। हाल में महाराष्ट्र और उड़ीसा के चुनावों में भाजपा को जो बढ़त मिली है उसका फायदा पूर्वांचल के 14 जिलों में चार और आठ मार्च को होने जा रहे मतदान में हमें मिलने जा रहा है।
सवाल: क्या सपा परिवार की आपसी लड़ाई का फायदा भी भाजपा को मिल रहा है?
जवाब: देखिये, अखिलेश यादव ने पिता का अपमान किया है। इसका नुकसान तो उन्हें भुगतना ही पड़ेगा। हालांकि यहां आप यह मत समझिये कि मैं मुलायम का हितैषी हो गया हूं। मुलायम भी जनता के द्रोही रहे हैं। उन्होंने कारसेवकों पर गोली चलवाई थी लेकिन, आज उनके प्रति सहानुभूति इसलिए है क्योंकि बूढ़े पिता के साथ अन्याय हो रहा है।
सवाल: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव भी सपा-कांग्रेस गठबंधन के पक्ष में यहां प्रचार कर रहे हैं। पूर्वांचल में उनके इस प्रचार का क्या असर पड़ेगा?
जवाब: उत्तर प्रदेश में लालू का कोई जनाधार नहीं है। यहां की जनता उनके बारे में अच्छी तरह जानती है, वह उनके झांसे में नहीं आएगी।
सवाल: चुनाव के दौरान घरेलू गैस (एलपीजी) के दामों में बढ़ोत्तरी कर दी गयी। क्या इस महंगाई का असर चुनाव पर नहीं पड़ेगा?
जवाब: देखिये, एलपीजी के दामों में हुई बढ़ोतरी का असर गरीबों पर बिल्कुल नहीं पड़ने वाला है। सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि गरीबों की सब्सिडी यथावत रहेगी। ऐसे में इसका चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
सवाल: टिकट बंटवारे को लेकर भाजपा के पुराने कार्यकर्ताओं में बड़ा आक्रोश है। क्या पार्टी को इससे नुकसान हो रहा है?
जवाब: हर चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर कार्यकर्ताओं में थोड़ा बहुत नाराजगी होती है लेकिन, अब सब ठीक हो चुका है। चुनाव में इसका कोई असर नहीं है। पार्टी के सभी कार्यकर्ता पूरी ताकत के साथ एकजुट होकर लगे हुए हैं।
सवाल: आप कह रहे हैं कि भाजपा उप्र में सरकार बनायेगी लेकिन, प्रदेश का मुख्यमंत्री कौन होगा? इसका खुलासा आप लोग अभी भी नहीं कर रहे हैं।
जवाब: मुख्यमंत्री के नाम पर निर्णय लेने का अधिकार पार्टी के संसदीय बोर्ड को है। चुनाव परिणाम आने के बाद वह इसका फैसला करेंगे।