जयपुर। नगर निगम जयपुर में गुरुवार को हुई कार्यकारिणी समिति की बैठक में उस समय सब लोग सकते में रह गए जब भाजपा की एक महिला पार्षद ने भाजपा के ही पुरूष पार्षद को एसटी-एससी व महिला छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज करने की चेतावनी दे डाली।
सूत्रों के मुताबिक बैठक में मौजूद महापौर और उपमहापौर ने महिला पार्षद को शांत करवाया और बैठक को जारी रखने की बात कही।
क्यों नाराज हुई महिला पार्षद
निगम के ही कुछ पार्षदों ने बताया कि कि महिला पार्षद विमलेश मीना जो उद्यान समिति की चैयरमेन भी है उन्होंने चार माह पहले कार्यकारी समिति की बैठक में एक प्रस्ताव रखा था। इसमें सभी उद्यानों के सिविल कार्य करवाने के लिए अलग से अधिशाषी अभियंता, एईएन व जेईएन सहित अन्य स्टाफ नियुक्त करने की मांग रखी थी, ताकि पार्को का रखरखाव ठीक से हो सके।
लेकिन मीना के इस प्रस्ताव पर पार्षद मान पण्डित जो गैराज समिति के चैयरमेन है ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि इससे निगम पर बेवजह वित्तीय भार बढ़ेगा। वर्तमान में निगम के सभी जोन में इंजीनीयरों की टीम है और ये इंजीनीयर अपने-अपने जोन इलाके में आ रहे पार्को के सिविल कार्य को बेहतर तरीके से संभाल सकते हैं।
मान पण्डित की इस आपत्ति पर सभी ने सहमति जताते हुए प्रस्ताव को निरस्त कर दिया था। इस बात से मीना इतनी खफा थी कि उन्होने गुरुवार को बैठक में ये मुद्दा उठाते हुए कहा कि किसी को किसी के काम में दखल देने की जरूरत नहीं है अगर ऐसा कोई करेगा तो ठीक नहीं होगा।
इस पर वित्त समिति की अध्यक्ष राखी राठौड़ ने जब पूछा कि ऐसा कौन करता है तो उन्होंने मान पण्डित का नाम लिया। इसके बाद मान पण्डित और विमलेश मीना में बहस शुरू हो गई, जिसके बार मीना ने उन्हे मुकदमा करने की चेतावनी दे डाली।