सबगुरु न्यूज-सिरोही। नेतागिरी करने के लिए चिकना घड़ा होना जरूरी है, लेकिन क्या कार्यकर्ता होने के लिए भी चिकना घड़ा होना छीछालेेदर करवाना जरूरी है या नही ये हर राजनीतिक कार्यकर्ता के लिए सोचना जरूरी है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सिरोही में ट्रांजिट पास के लिये 15 मिनट के लिए सिरोही हवाई पट्टी के बाहर भाजपा के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों का जो हाल हुआ वो देखकर ये सवाल पूछना लाजिमी हो जाता है।
ताज्जुब की बात तो ये है कि मुख्यमंत्री का तो अजमेर और सिरोही के पूर्व दौरों में भी ऐसा कार्यकर्ताओं और जनता से परहेज नजर आया है। लेकिन इन कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के दम पर सिरोही जिले में जीत हासिल करने वाले जनप्रतिनिधियों ने भी पुलिस से द्वारा हवाई पट्टी के दरवाजे पर ही रोक दिए गए भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की तरफ देखकर भी ध्यान नही दिया।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे गुरुवार को गुजरात के डीसा में उप चुनाव में प्रचार के लिए जाना था। समय की बचत के लिए उन्होंने जयपुर से सिरोही तक का सफर विमान से तथा सिरोही से डीसा तक का सफर हेलीकॉप्टर से करना सुनिश्चित किया। सिरोही से डीसा के निकट होने और सिरोही की हवाई पट्टी के लंबी होने के कारण विमान की लेंडिंग के लिए इसे चुना गया। सवेरे करीब साढ़े आठ बजे मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे विमान से सिरोही हवाई पट्टी पहुंची।
उनकी अगुवाई के लिए सरकारी अधिकारियों से साथ सांसद देवजी पटेल, गोपालन राज्य मंत्री ओटाराम देवासी, विधायक समाराम गरासिया, जिला प्रमुख पायल परसरामपुरिया हवाई पट्टी में पहुंच गई। जिन लोगों के नाम हवाई पट्टी पर जाने के लिए दिए गए थे उन्हें ही हवाई पट्टी के गेट के अंदर घुसने देने के निर्देश के कारण पुलिस कर्मी हवाई पट्टी के दरवाजे पर ही नाम पूछकर स्क्रूटनी कर रहे थे।
सूची में नाम होने पर ही अंदर जाने दे रहे थे। इस सूची में संभवतः सिरोही भाजपा के जिला महामंत्री दिनेश बिंदल आया अन्यों समेत, शिवगंज ग्रामीण ब्लॉक अध्यक्ष गणपतसिंह, प्रवक्ता रोहित खत्री आदि समेत कई पदाधिकारियों के नाम नही थे। इन लोगों को पुलिस कर्मियों ने हवाई पट्टी में नही घुसने दिया। मुख्यमंत्री ने ट्रांजिट पास के दौरान करीब 15 मिनट हवाई पट्टी पर निकाला, इस दौरान करीब 10 मिंट तक ये लोग पुलिसकर्मियों से अंदर जाने के लिए बहस करते रहे, लेकिन उन्हें अंदर नही जाने दिया गया।
स्थिति ये थी कि कुछ जनप्रतिनिधि तो गेट पर पदधिकारियो को रोकने पर पुलिस के साथ होने वाले बवाल को देख भी रहे थे, लेकिन उन्होंने अपना कर्तव्य समझते हुए इन कार्यकर्ताओं की पैरवी के लिए गेट पर आने की जहमत नही की। खैर काफी बहस के बाद आला अधिकारियों के निर्देश पर ये लोग अंदर घुसे भी तो इन्हें हवाई पट्टी की और जाते समय डीएसपी ने उन्हें रोक लिया।
जैसे तैसे हवाई पट्टी पर पहुंचे तो कुछ ही मिनट में cm हेलीकॉप्टर में बैठकर डीसा के लिए रवाना हो गयी। हास्यास्पद स्थिति तो तब बानी कि जब पुलिस से ही जुड़ी एक जिला स्तरीय समिति के अध्यक्ष गेट पर खड़े पुलिसकर्मी को अपना परिचय पत्र दिखाते हुए अंदर जाने की बात करते रहे लेकिन उन्हें अंदर नही जाने दिया गया।
इस दौरान एक बात और देखने को मिली कि दबंग जनप्रतिनिधि तो अपने साथ उन कार्यकर्ताओं को भी ले गए जिनका पड़ हवाई पट्टी के बाहर खड़े भाजपाइयों से कम था। इस दौरान नेतान ने सिरोही में अतिव्रष्टि के दौरान टूटी सड़कों को दुरुस्त करवाने, सिरोही कि सीवरेज लाइन के बजट शीघ्र दिलवाने, गौरव पथ के निर्माण में आ रही बाधा को दूर करवाने, दीपावली से पूर्व बिजली कटौती से राहत दिलवाने, नेशनल हाईवे को हुए नुकसान को दूरस्त करवाने आदि की मांग की गयी।
दिया गार्ड ऑफ ऑनर
मुख्यमंत्री के सिरोही हवाई पट्टी पर पहुंचने पर डिविजनल कमिश्नर रत्न लाहोटी, आई जी जोधपुर हवासिंह घुमरिया, सिरोही कलेक्टर संदेश नायक, पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश ने प्रोटोकॉल निभाया। मुख्यमंत्री का अभिवादन किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने गार्ड ऑफ ऑनर लिया। खड़े खड़े ही वहाँ मौजूद जनप्रतिनिधियों और भाजपाइयों का अभिवादन लेकर बात की और हेलीकॉप्टर से डीसा के लिए रवाना हो गईं । डीसा से वो सीधे बांसवाड़ा की त्रिपुरा सुंदरी मंदिर जाएंगी। जहां दर्शन करके फिर जयपुर लौटेंगी।
देखिये मुख्यमंत्री के आगमन पर गेट पर हुआ विवाद…