नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता बिजेन्द्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाया है कि वह सत्ता के संघर्ष में लिप्त हैं जिसका खामियाजा दिल्ली की जनता को भुगतना पड़ रहा है।
गुप्ता ने गुरुवार को यहां एक प्रतिनिधिमंडल के साथ राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात कर दिल्ली की राजनीतिक गतिविधियों पर एक ज्ञापन दिया। प्रतिनिधिमंडल में भारतीय जनता पार्टी विधायक ओम प्रकाश शर्मा और जगदीश प्रधान भी शामिल थे।
मुलाकात के बाद गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रपति का ध्यान दिल्ली की राजनीतिक घटनाओं की ओर दिलाया गया। राष्ट्रपति को बताया गया कि मुख्यमंत्री सत्ता के संघर्ष में लगे हुए हैं और राजधानी में विकास कार्य बिल्कुल ठप पड़ गए हैं जिसका खामियाजा दिल्ली की जनता भुगत रही है।
उन्होंने उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई कि दिल्ली में तबादलों और नियुक्तियों की इंडस्ट्री चल रही थी जिसे आम आदमी पार्टी की सरकार ने आकर रोक दिया।
गुप्ता ने कहा कि आप पार्टी के नेताओं की आरोप लगाने की पुरानी आदत है। उन्होंने सिसोदिया के बयान पर दिल्ली सरकार द्वारा श्वेतपत्र लाने की मांग की।
गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान दिल्ली में लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं करने, चौथे वित्त आयोग की रिपोर्ट लागू नहीं किए जाने, दिल्ली सरकार में कानून मंत्री जितेन्द्र तोमर और दिल्ली कैंट से विधायक सुरेन्द्र सिंह की जाली डिग्री का मामला भी उठाया गया।
उन्होंने कहा कि एक ओर संसाधनों की कमी का बहाना बनाकर दिल्ली सरकार उत्तरी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली नगर निगमों को उनके हिस्से का पैसा नहीं दे रही है जिससे उनके समक्ष गंभीर संकट खड़ा हो गया है और वे वित्तीय दीवालिये पन की कगार पर पहुंच गए हैं तो दूसरी तरफ 21 विधायकों को संसदीय सचिव नियुक्त कर जनता के पैसे को बर्बाद किया जा रहा है। इससे पूर्व की सरकारों में एक या दो ही संसदीय सचिव होते थे।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने मुख्य कार्यकारी सचिव शकुन्तला गैमलिन पर खुले आम आरोप लगाए लेकिन इनकी कोई जांच या सबूत नहीं दिया। सरकार दिल्ली विधानसभा में कायदे कानूनों को ताक पर रखकर मनमाने ढंग से काम कर रही है। गुप्ता ने दिल्ली सचिवालय में मीडिया के प्रवेश पर रोक का मुद्दा भी राष्ट्रपति के समक्ष उठाया।
उन्होंने कहा कि राजधानी में भीषण गर्मी ने अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है किन्तु केजरीवाल बिजली की समुचित आपूर्ति की तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं।