नई दिल्ली। कालेधन से संबंधित विधेयक सरकार ने सोमवार को लोकसभा में पेश कर दिया। बिल पेश होने के साथ ही इस पर चर्चा शुरू हो गई।
बिल पर चर्चा करते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इसका उद्देश्य विदेशों में जमा काले धन पर रोक लगाना है। पेश बिल को मनी बिल के रूप में लिया जाएगा। इस बिल को राज्यसभा से पारित कराने की जरूरत नहीं होगी। इस बिल में कालेधन पर १२० फीसदी तक जुर्माने का प्रावधान है।
इससे पहले विपक्ष ने इस बिल को संसदीय पैनल के पास भेजने की मांग उठाई जिसे स्पीकर ने खारिज कर दिया। स्पीकर ने कहा कि इस बिल के साथ मनी बिल जैसा ही व्यवहार किया जाएगा। अर्थात इसे लोकसभा से पारित कराना ही पर्याप्त होगा। इस बिल को राज्यसभा से पारित कराना जरूरी नहीं होगा।
संसद में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि यह बिल विदेश में जमा अवैध धन की समस्या से पिटने में कारगर होगा। इस बिल के पारित होने के साथ ही विदेश में कालाधन रखना काफी कठिन हो जाएगा।
भारत कालेधन के मामले को जी ८ देशों समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने भी उठा चुका है। जेटली ने पूर्व में कहा था कि जी८ देश भी इस मामले में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। वैश्विक स्तर पर ऑटोमैटिक सूचनाओं के आदान – प्रदान से कालेधन के मामलों में कमी आएगी।