जयपुर। राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने एक मृतक के खाते में ब्लैक मनी जमा करवा कर सफेद करने के मामले में बैंक के प्रधान कैशियर राजेन्द्र को गिरफ्तार किया।
एसओजी के महानिरीक्षक दिनेश एम.एन. ने मंगलवार को बताया कि गत दिनों एक महिला सीता देवी ने एक परिवाद एसओजी मुख्यालय को दिया, जिसमें कहा गया कि गंगापुर निवासी गोपाल गुप्ता ने अवैध तरीके से अर्जित अपनी काली कमाई को बैंककर्मियों की मिलीभगत से उसके मृत पुत्र वीरेन्द्र के खाते में जमा करवाया व वीरेन्द्र के पूर्व हस्ताक्षरशुदा चैकों के जरिए राशि भरकर भुगतान उठा लिया।
परिवाद की एसओजी की एक टीम ने गंगापुर सिटी पहुंचकर जांच की और तथ्यों की पुष्टि होने पर प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया। प्रारम्भिक अनुसंधान से यह सामने आया कि मृतक वीरेन्द्र पांडे गोपाल गुप्ता की स्लेट फैक्ट्री में काम करता था।
इस दौरान गोपाल ने मृतक वीरेन्द्र एवं अन्य फैक्ट्री कर्मियों के पंजाब नेशनल बैंक गंगापुर सिटी में खाते खुलवाकर उनकी चैक बुक्स जारी करवाई व खाताधारकों से खाली चैकों पर हस्ताक्षर करवा अपने पास रख लिए और उनका स्वयं उपयोग करता रहा।
नोटबंदी के बाद गोपाल ने अपने काले धन को सफेद करने के लिए बैंक के हैड कैशियर राजेन्द्र मीणा से मिलीभगत कर अपने पूर्व कर्मचारी वीरेन्द्र पांडे एवं अपने अन्य कर्मचारियों तथा 3 अन्य खातों में हजार व पांच सौ के पुराने नोट की 18 लाख 30 हजार रुपए की राशि 12 नवम्बर को जमा करवाई।
जांच में सामने आया कि हैड कैशियर ने आरबीआई के निर्देशों की पालना न करते हुए गोपाल गुप्ता के 18 लाख 30 हजार रुपए इन खातों में जमा किए। इतना ही नहीं गोपाल गुप्ता ने अपने कर्मचारियों के खातों से कुल 9 बार में 24-24 हजार रुपए निकाल भी लिए।
उक्त लेनदेन में हैड कैशियर मीणा को गोपाल गुप्ता ने 20 प्रतिशत कमीशन देना तय किया था। एसओजी टीम ने हैड कैशियर राजेन्द्र मीणा को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया है। वारदात में शामिल अन्य अभियुक्तों के संबंध में जांच जारी है। अभियुक्त को बुधवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा।