देहरादून। आने वाली 28 मार्च को विधानसभा में हरीश सरकार को बहुमत साबित करना है। राज्यपाल ने एक दिन पहले मुख्यमंत्री को इस बारे में पत्र भेजकर अवगत करा दिया है।
राज्यपाल के आदेश को देखते हुए 28 मार्च की तैयारी मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष द्वारा तेज कर दी गई है। मुख्यमंत्री जहां अपने समर्थक विधायकों को लेकर अज्ञात स्थान पर चले गए है वहीं विधानसभा अध्यक्ष ने सभी विधायको को 28 मार्च को सदन में उपस्थित होने का पत्र भी जारी कर दिया है।
आज यहां विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल के निर्देश के बाद विधानसभा सचिव जगदीशचंद ने प्रदेश के सभी विधानसभा सदस्यों यानी विधायकों को 28 मार्च को सदन में उपस्थित रहने की सूचना वाला पत्र भेज दिया है।
इसके पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल ने सरकार की संसदीय कार्यमंत्री और सदन में कांग्रेस पार्टी की मुख्य सचेतक डा. इंदिरा हृदयेश से सलाह के बाद बगावत का झंडा उठाए कुल 9 बागी विधायको को दल बदल से संबंधित कारण बताओ नोटिस जारी किया है। लगभग आठ पेज के इस नोटिस को विधायको के सरकारी और निजी आवासों पर चस्पा किया गया है।
हालांकि विधानसभा अध्यक्ष के इस नोटिस को बगावत का नेतृत्व कर रहे विधायक डा. हरक सिंह रावत ने असंवैधानिक बताया है। उन्होंने एक बयान में कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को सदन के अन्दर के किसी कृत्य के लिए ही नोटिस जारी करने का अधिकार है सदन के बाहर पार्टी ही कोई कार्रवाई करने के लिए अधिकृत है। उन्होंने कहा कि इसीलिए यह नोटिस अवैधानिक है।
उधर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रविवार को यहां प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री मोदी को होली की बधाई देता हूं और कहता हूं कि वे होली खेले लेकिन लोकतंत्र की हत्या के रक्त से नहीं बल्कि प्रेम और भाईचारा के रंगों से। उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने देशभर में भाजपा विरोधी दलों की सरकारों को अस्थिर करने का अभियान चलाया हुआ है।
उन्होंने कहा कि इस प्लान के तहत पहले अरूणाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार को अस्थिर किया गया और अब निशाने पर उत्तराखंड है। उन्होंने राज्य में हुए घटनाक्रम को बीजेपी और आरएसएस की साजिश करार देते हुए कहा कि ये भाजपा द्वारा गैरभाजपाई सरकारों का एनकाउंटर है।
इस बीच मुख्यमंत्री रविवार को एक प्राईवेट वाहन से अचानक विधानसभा पहुंचे और बागी विधायकों के नेता हरक सिंह रावत के विधानसभा स्थित कार्यालय को सील करा दिया। मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री को सूचना मिली थी कि डा. हरक सिंह रावत के करीबी लोग उनके कार्यालय से कुछ फाईले निकाल कर कही ले जा रहे हैं। इस सूचना के बाद सीएम तुरंत विधानसभा पहुंच गए और उक्त कार्रवाई को आंजम दिया।
सूत्रों के अनुसार सीएम ने विधानसभा सुरक्षाकर्मियों को भी इस मामलें में हड़काया। इससे पहले मुख्यमंत्री के करीबी और उद्योग सलाहकार रणजीत रावत तीन हेलीकाप्टरों में भरकर सरकार समर्थक विधायकों को लेकर अज्ञात स्थान के लिए उड़ गए। इस बारे में पूछे जाने रंजीत रावत कोई जवाब नहीं दिया।