श्रीनगर/नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने राष्ट्र के 70वें स्वतंत्रता दिवस पर राज्य के लोगों से हिंसा को त्यागने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि यदि जम्मू-कश्मीर के लोगों को विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में न्याय नहीं मिलेगा तो और कहीं नहीं मिल सकेगा।
श्रीनगर के बक्शी स्टेडियम में क़डी सुरक्षा के बीच स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने पहले संबोधन में उन्होंने कहा कि बंदूकें लोगों को न्याय नहीं दिला सकती। उन्होंने हिंसा में शामिल घाटी के युवाओं से भावुक अपील करते हुए कहा कि वे खूबसूरत घाटी को एक और सीरिया या अफगानिस्तान बनने से रोकें और उन निहित स्वार्थी तत्वों से भ्रमित नहीं हो जो कश्मीर को हमेशा जलता रहने देना चाहते हैं।
केंद्र या राज्य की किसी भी सरकार का नाम लिए बिना महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि दोष न तो जम्मू-कश्मीर के लोगों का है और न देश के अन्य भागों में रहने वाले लोगों का। दोष पिछली राज्य एवं केंद्र की सरकारों और राजनीतिक दलों का है। उन्होंने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में आजकल जो हालात हैं उसके पीछे जवाहरलाल नेहरू के बाद की सभी केंद्र सरकारों एवं राज्य सरकारों का दोष है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्य की समस्याओं के समाधान के लिए अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा शुरू की गई प्रक्रियाओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जरूर पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों और देश के अन्य हिस्सों में रहने वाले लोगों के बीच दूरियों को कम करने का प्रयास किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कुछ तत्व अपने मक़सदों को पूरा करने के लिए युवाओं को एक ढाल के रूप में प्रयोग कर रहे हैं और हिंसा के माध्यम से अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा 1990 के दशक से अब तक राज्य में हज़ारों लोग मारे गए हैं परंतु कुछ हासिल नहीं हुआ।
हिज़्बुल आतंकी बुरहान वानी की सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में हुई मृत्यु के बाद घाटी में अस्थिरता के माहौल पर उन्होंने कहा कि पिछले 40 दिनों के दौरान इन निहित स्वार्थ वाले लोगों ने युवाओं का ‘तोप के चारे’ के रूप में प्रयोग किया। उन्होंने कहा वर्तमान हिंसा को पीछे छोड़ कर उपचार की आवश्यकता है।
जब वह भाषण दे रही थीं तो कुछ ही किलोमीटर दूर एक आतंकी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का एक जवान शहीद हो गया। अलगाववादियों ने सोमवार को बंध का एलान किया था।
श्रीनगर शहर को ‘हाई अलर्ट’ पर रखा गया था और सुरक्षा व्यवस्था क़डी कर दी गई थी क्योंकि आतंकवादियों ने घाटी के लोगों से सोमवार को ”ब्लैक डे” (काला दिवस) मनाने को कहा था।
तिरंगा नीचे गिरने पर महूबबा ने दो अधिकारियों को किया निलंबित
जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती जिस समय झंडारोहण करने जा रही थी उसी समय तिरंगा नीचे गिर पड़ा। इससे नाराज सीएम ने दो अधिकारियों को निलंबित करने का फरमान सुना दिया।
मुख्यमंत्री महबूबा 70वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर श्रीनगर के बक्शी स्टेडियम में राष्ट्रीय घ्वज तिरंगा फहरा रही थीं।
महबूबा मुफ़्ती जैसे ही मंच पर पहुंच कर तिरंगा फहराने लगी, तिरंगा नीचे आ गिरा जिसका उन्होंने कड़ा संज्ञान लेते हुए व्यवस्था में लगे दो पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड करने के आदेश जारी कर दिए।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी को इस घटना के लिए जिम्मेदार दो पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने के निर्देश जारी किए।